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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को फिर से जगाने की कोशिश की। हालांकि, अभी तक इसमें सफलता हासिल नहीं हो सकी है। यह कोशिश अभी आगे भी की जाएगी। दरअसल, इस महीने की शुरुआत में इसरो ने विक्रम और प्रज्ञान को स्लीप मोड में डाल दिया था और कहा था कि 14 दिनों बाद जब चंद्रमा पर फिर से उजाला होगा, तब दोनों मॉड्यूल को दोबारा एक्टिवेट करने की कोशिश होगी। हालांकि, शुरुआत से ही दोनों के दोबारा एक्टिवेट होने की बहुत कम उम्मीद जताई जा रही थी।
इसरो ने शुक्रवार शाम को ट्वीट करके जानकारी दी, ''विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ कम्युनिकेशन स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके। फिलहाल उनकी ओर से कोई संकेत नहीं मिले हैं। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।'' इसरो ने साफ किया है कि भले ही पहले प्रयास में विक्रम और प्रज्ञान को दोबारा एक्टिवेट करने में सफलता नहीं मिली हो, लेकिन आगे आने वाले दिनों में भी इससे संपर्क साधकर दोबारा जगाने की कोशिश की जाती रहेगी। ऐसे में उम्मीद है कि भविष्य में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से इसरो का संपर्क स्थापित हो सकता है।
बता दें कि 23 अगस्त को इसरो ने अपने तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करवाकर इतिहास रच दिया था। चांद पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया, जबकि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहली बार कोई देश पहुंचा। इसके बाद अगले 14 दिनों तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने अपना काम किया और चांद से जुड़ी कई अहम जानकारियों को इकट्ठा करके इसरो के कमांड सेंटर तक भेजा। इसमें चांद के तापमान, सल्फर आदि से जुड़ी कई जरूरी जानकारियां थीं। वहीं, जब इस महीने की शुरुआत में चांद पर रात हो गई तो विक्रम और प्रज्ञान को स्लीप मोड में डाल दिया गया। लेकिन 14 दिनों बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर फिर से रोशनी आने लगी।
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात की थी। साथ ही, उन्होंने ऐलान किया था कि जिस जगह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई है, उस जगह को शिव शक्ति प्वाइंट के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा, साल 2019 में जिस जगह पर चंद्रयान-2 क्रैश होकर लैंड हुआ था, उसे तिरंगा प्वाइंट नाम दिया गया था। चांद पर चलते चहलकदमी करते हुए प्रज्ञान ने 100 मीटर से अधिक की दूरी तय की थी। विक्रम लैंडर ने भी चांद की कई तस्वीरें इसरो को भेजी थीं।
Chandrayaan-3 Mission:Efforts have been made to establish communication with the Vikram lander and Pragyan rover to ascertain their wake-up condition. As of now, no signals have been received from them. Efforts to establish contact will continue.
— ISRO (@isro) September 22, 2023
jantaserishta.com
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