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ISRO ने चांद को लेकर दिया बड़ा अपडेट, रोवर की राह में दिखा बड़ा सा गड्ढा

Shantanu Roy
28 Aug 2023 1:38 PM GMT
ISRO ने चांद को लेकर दिया बड़ा अपडेट, रोवर की राह में दिखा बड़ा सा गड्ढा
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बड़ी खबर
नई दिल्ली। Chandrayaan-3 के रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर गड्ढा देखकर अपना रास्ता बदल लिया है. यह गड्ढा यानी क्रेटर 4 मीटर व्यास का है. यह गड्ढा रोवर के सामने करीब 3 मीटर की दूरी पर था. अब रोवर नए रास्ते पर चल रहा है. रोवर छोटे-मोटे गड्ढे तो पार कर सकता है. लेकिन बहुत बड़े नहीं. इसलिए उसे अपना रास्ता तब बदलना होगा, जब उसके सामने कोई बड़ा गड्ढा या बोल्डर होगा. अब तक रोवर ने 8 मीटर यानी 26 फीट से ज्यादा दूरी तय कर ली है. उसके दोनों पेलोड्स ऑन हैं. काम कर रहे हैं. इसके अलावा इसरो ने बताया कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर के सभी पेलोड्स अब काम कर रहे हैं. तीनों का कम्यूनिकेशन बेंगलुरु स्थित सेंटर से बना हुआ है. इसरो ने बताया कि रोवर, लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की सेहत ठीक है.
सभी के पेलोड्स यानी उनके अंदर लगे यंत्र सही-सलामत काम कर रहे हैं. पहले ये जानते हैं प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर काम क्या कर रहा है. रोवर पर दो पेलोड्स लगें हैं. पहला है लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप. यह एलिमेंट कंपोजिशन की स्टडी करेगा. जैसे- मैग्नीशियम, अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा. इनकी खोज लैंडिंग साइट के आसपास चांद की सतह पर की जाएगी. दूसरा पेलोड है अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (Alpha Particle X-Ray Spectrometer - APXS). यह चांद की सतह पर मौजूद केमकल्स यानी रसायनों की मात्रा और गुणवत्ता की स्टडी करेगा. साथ ही खनिजों की खोज करेगा. आज यानी 25 अगस्त 2023 की सुबह ही लैंडर से बाहर आते हुए रोवर का वीडियो भी इसरो ने जारी किया था.
Chandrayaan-3 का रोवर का कुल वजन 26 किलोग्राम है. यह तीन फीट लंबा, 2.5 फीट चौड़ा और 2.8 फीट ऊंचा है. यह छह पहियों पर चलता है. कम से कम 500 मीटर यानी 1600 फीट तक चांद की सतह पर जा सकता है. इसकी स्पीड 1 सेंटीमीटर प्रति सेकेंड हैं. यह अगले 13 दिनों तक चांद की सतह पर तब तक काम करता रहेगा, जब तक इसे सूरज की रोशनी से ऊर्जा मिलती रहेगी. यहां दिखाई गई तस्वीर में अगर आप क्लॉकवाइज यानी घड़ी के घूमने की दिशा में चलें तो सबसे पहले दिख रहा है सोलर पैनल. यानी ये सूरज की गर्मी से ऊर्जा लेकर रोवर को देगा. उसके ठीक नीचे दिख रहा सोलर पैनल हिंज.
यानी जो सोलर पैनल को रोवर से जोड़कर रखता है. इसके बाद है नेव कैमरा यानी नेविगेशन कैमरा. ये दो हैं. ये रास्ता देखने और चलने के लिए दिशा तय करने में मदद करते हैं. इसका चेसिस दिख रहा है. सोलर पैनल के नीचे आने पर उसे संभालने वाला सोलर पैनल होल्ड डाउन है. नीचे छह व्हील ड्राइव असेंबली है. यानी पहिए लगे हैं. इसके अलावा रॉकर बोगी है. जो पहियों को ऊबड़-खाबड़ जमीन पर चलने के लिए मदद करते हैं. इसके अलावा रोवर के निचले हिस्से में रोवर होल्ड डाउन लगा है. अगर रोवर चल नहीं रहा होता तो वह जमीन से जुड़कर एक जगह टिका रहेगा. ताकि भविष्य में उसे उठाया जा सके. इसके अलावा इसके बगल में लगा है वार्म इलेक्ट्रॉनिक्स बॉक्स यानी ऐसे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम जो गर्म माहौल में बेहतर तरीके से काम कर सकें. रोवर को दिए गए इंस्ट्रक्शन के हिसाब से चलाते रहें. फिर है डिफ्रेंशियल्स यानी हर यंत्र और हिस्से को अलग रखने के लिए बनाई गई दीवार. ऊपर है एंटीना, जो लैंडर के साथ संपर्क साधने में मदद करते हैं.
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