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म्यांमार में मौजूद ISI कर रही भारत के नॉर्थ-ईस्ट में उग्रवादी गुटों की मदद
Renuka Sahu
14 Dec 2021 4:34 AM GMT
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फाइल फोटो
जम्मू कश्मीर और पंजाब में आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने के साथ-साथ अब पूरी दुनिया भर में बदनाम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी 'ISI' भारत के उत्तर- पूर्वी राज्यों को अस्थिर करने की साजिश में जुटी हुई है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) और पंजाब (Punjab) में आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने के साथ-साथ अब पूरी दुनिया भर में बदनाम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी 'ISI' भारत के उत्तर- पूर्वी राज्यों को अस्थिर करने की साजिश में जुटी हुई है. भारतीय सुरक्षा एजेंसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक म्यांमार में तैनात 'ISI' का एक अधिकारी उग्रवादी गुटों के संपर्क में है. जो उन्हें हथियार से लेकर पैसे मुहैया करा रहा है. ताकि उग्रवादी गुटों से हमला कराया जा सके.
नॉर्थ ईस्ट में ISI की नजर
पिछले महीने मणिपुर के चुराचंदपुर जिले में 13 नवंबर को ऐसे ही एक उग्रवादी गुट की तरफ से हमला किया गया था जिसमे सेना के एक कर्नल समेत कुल 7 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने ली थी. सूत्रों के मुताबिक सेना के काफिले पर हुए हमले में 15 से ज्यादा PLA के काडर शामिल थे जिन्होंने काफिले पर IED विस्फोट कर फायरिंग की.
बांग्लादेश सीमा पर नजर
ISI म्यांमार से सटे नार्थ ईस्ट के राज्यों के साथ साथ बंग्लादेश से सटे भारतीय इलाकों को भी अशांत करने की कोशिशों में लगी हुई है. पिछले कुछ सालों की खुफिया रिपोर्ट से पता चलता है कि बांग्लादेश में सक्रिय आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन (JMB) को पाकिस्तान की ISI से मदद मिल रही है.
जमात उल मुजाहिद्दीन के जरिये ISI, जेहादी रोहिंग्या को ट्रेनिंग देने की खबरें पहले भी सामने आ चुकी हैं.
आतंकी गुटों के पास चीनी हथियार
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नॉर्थ-ईस्ट को अशांत करने की बड़ी साजिश रची जा रही है और उग्रवादियों के पास चीन के बने हथियार और गोला बारूद बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं. जानकारों के मुताबिक उग्रवादी गुट PLA की चीन की सेना से काफी नजदीकियां हैं.
दंत्य प्रतिस्थापन
केंद्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक PLA के पास 600-700 के करीब हथियार बंद उग्रवादी हैं जो भारत- म्यांमार से सटे म्यांमार के इलाकों में उनके कैम्प हैं. जब भी इन गुटों पर सेना कार्रवाई करती है सभी म्यांमार के सीमा में दाख़िल हो जाते हैं.
सिर दर्द बना परेश बरुआ
देखा जाए तो म्यांमार-चीन सीमा के नजदीक रुइली (Ruili) में छुपे उग्रवादी गुट (ULFA) का सरगना परेश बरुआ (Paresh Baruah) की मदद से चीनी हथियार उत्तर पूर्व के उग्रवादी गुटों तक पहुंचाए जा रहे हैं.
ज़ी मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक PLA के म्यांमार में यांगून (Yangon), Mandalay, Sagaing में हेड क्वार्टर हैं. उग्रवादी गुट म्यांमार और चीन से सटे म्यांमार के इलाकों से अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. चीन से मिले हथियारों की खेप को उत्तर पूर्व में लगातार सप्लाई करने के साथ साथ उग्रवादी गुटों में युवाओं की भर्ती में भी ये गुट शामिल है.
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