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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केरल सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी आने के चलते अब से कोविड-19 के बारे में दैनिक आधार पर जानकारी नहीं दी जाएगी. राज्य सरकार ने 11 अप्रैल को कहा, "संक्रमण के मामलों की संख्या में कमी को देखते हुए अब कोविड-19 के बारे में ताजा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाएगी."
भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला केरल में ही 30 जनवरी, 2020 को उस वक्त सामने आया था, जब चीन से राज्य में लौटे एक मेडिकल छात्र की कोविड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उस दिन से राज्य में प्रतिदिन आने वाले कोरोना वायरस के मामलों की संख्या और सैम्पलों की टेस्टिंग आदि पर विस्तृत दैनिक अपडेट सरकार की ओर से दिया जा रहा था. रविवार, 10 अप्रैल को प्रदेश ने कोरोना के 223 मामले आए थे.
दैनिक कोरोना रिपोर्ट नहीं देने के केरल सरकार के फैसले के साथ दी राज्य ने कोरोना संबंधित ताजा डाटा देना करना बंद कर दिया है, जो कि पिछले दो साल और दो महीने से जारी था. लेकिन क्या सरकार का यह कदम सही है? क्या महामारी से जुड़े दैनिक अपडेट देना बंद करने का समय आ गया है? इस बारे में डॉक्टरों की राय बंटी हुई है.
'कोरोना अपडेट देना बंद करने का सही समय'
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एन. सुल्फी ने कहा, "मुझे लगता है कि जनता को कोरोना के दैनिक अपडेट देना बंद करने का यह बिल्कुल सही समय है. हमें इसके साथ रहना है. हमें सामान्य आर्थिक गतिविधियों की ओर लौटना होगा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा आईसीयू में दाखिले और कोविड से होने वाली मौतों पर कड़ी निगरानी होनी चाहिए."
'साप्ताहिक या मासिक आधार पर कोरोना डाटा साझा हो'
हालांकि, डॉ पद्मनाभ शेनॉय जो कि इम्यूनोलॉजिस्ट और रुमेटोलॉजिस्ट है… ने कहा कि यदि प्रतिदिन नहीं, तो कोविड मामलों पर साप्ताहिक या मासिक अपडेट होना चाहिए और डाटा को जनता के साथ साझा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है. हम ब्रिटेन में हालात देख सकते हैं कि कैसे मामले बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मजबूत आंतरिक निगरानी की जानी चाहिए और उन्हें साप्ताहिक या मासिक डाटा जनता को जारी करना चाहिए. कोविड से निपटने के दौरान यह हमारे मजबूत स्तंभों में से एक था. आशावादी होना अच्छी बात है, लेकिन अगर उसके साथ सतर्कता भी हो, तो वह सबसे बेहतर है."
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डॉक्टरों का यह भी कहना है कि चूंकि प्रतिबंध हटा दिए गए हैं और अब कोरोना के दैनिक केस से जुड़े अपडेट भी नहीं दिए जा रहे हैं, इसलिए लोग अधिक आराम से सोचेंगे कि कोविड खत्म हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है. आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ अरुण एनएम ने कहा, 'डाटा देना पूरी तरह से बंद करना सही नहीं है. कम से कम इसे वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि जो कोई भी इसे देखना चाहे, वह देख सके. डॉक्टरों के लिए भी यह मददगार होगा."
उन्होंने आगे कहा, "कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है, सतर्क रहने में ही भलाई है. यदि वेबसाइट पर डाटा उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो संभावना है कि हम रुझानों से चूक सकते हैं. यह सभी के लिए मददगार होगा."
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