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यूपी के तीन टुकड़े BJP का प्लान या सिर्फ अफवाह

Nilmani Pal
23 Jun 2024 5:57 AM GMT
यूपी के तीन टुकड़े BJP का प्लान या सिर्फ अफवाह
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3 हिस्सों में बंट जाए यूपी, आज फिर तेज हो रही डिमांड

नेहरू-अंबेडकर भी थे बंटवारे के पक्ष में

राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन 1953 में हुआ। लेकिन इससे पहले ही पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उत्तरप्रदेश Uttar Pradesh के बंटवारे की वकालत की थी। नेहरू ने सात जुलाई 1952 को लोकसभा में कहा था, मैं व्यक्तिगत रूप से इस बात से सहमति रखता हूं कि उत्तर प्रदेश का बंटवारा किया जाना चाहिए। Ambedkar अंबेडकर ने तीन हिस्सों में बांटने के लिए तीन आधार दिए थे। पहला- इससे प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी। दूसरा- राजव्यवस्था पर इतने बड़े राज्य के असमान प्रभाव को कम किया जा सकेगा। और तीसरा- अल्पसंख्यकों की बेहतर सुरक्षा हो सकेगी। 2012 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन सीएम और बीएसपी चीफ मायावती ने यूपी के बंटवारे का प्रस्ताव पास किया। 21 नवंबर 2011 को यूपी विधानसभा में मायावती सरकार ने बिना चर्चा के ये प्रस्ताव पास करा लिया। ये उत्तर प्रदेश को चार राज्यों- पूर्वांचल (पूर्वी यूपी), पश्चिमी प्रदेश (पश्चिमी यूपी), बुंदेलखंड (दक्षिणी यूपी) और अवध प्रदेश (मध्य यूपी) में बांटने का प्रस्ताव था। लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस प्रस्ताव को लौटा दिया था।

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के एक बयान पर सियासत गरमा गई है। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की बात खुलकर कही। रविवार को हुए अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में बालियान ने कहा, पश्चिमी यूपी को अलग बनना चाहिए। मेरठ राजधानी होनी चाहिए। जिस दिन पश्चिमी यूपी अलग बन गया, उस दिन ये इस देश का सबसे अच्छा और सबसे समृद्ध प्रदेश होगा। बालियान की इस बात का कुछ समर्थन कर रहे हैं तो कुछ विरोध में। खुद उनकी पार्टी बीजेपी में इसका विरोध होने लगा है। बीजेपी नेता संगीत सोम का कहना है कि पश्चिमी यूपी अलग राज्य बना तो ये मिनी पाकिस्तान बन जाएगा। संगीत सोम ने कहा, ऐसे बयान देने से पहले सोच लेना चाहिए। पश्चिमी यूपी बनने का मतलब है- मिनी पाकिस्तान। एक वर्ग की आबादी यहां बढ़ रही है। कई जगह तो 70 से 80 फीसदी है। क्या आप चाहते हैं कि हिंदू माइनॉरिटी में रहे?

संगीत सोम ही नहीं, यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि अगर पश्चिमी यूपी को अलग किया गया तो ये मिनी पाकिस्तान बन जाएगा, क्योंकि वहां के मुसलमान पाकिस्तान की गाते हैं।

वहीं, सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इसके समर्थन में हैं। उनका कहना है कि ये बहुत बड़ा राज्य है और इसको चार हिस्सों में बांट देना चाहिए। इतना बवाल होने के बाद भी संजीव बालियान अपनी बात पर अड़े हुए हैं। बालियान ने कहा, मैंने वही कहा जो सब चाहते हैं। पश्चिमी यूपी अलग बनता है तो यहां एम्स और आईआईटी जैसे संस्थान खुलेंगे। पश्चिमी यूपी अलग राज्य बनेगा तो यहां सुविधाएं बढ़ेंगी।

हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश के बंटवारे की बात हो रही है। साल 2000 में उत्तर प्रदेश का एक बार बंटवारा हो भी चुका है। उससे अलग होकर उत्तराखंड बना था।

क्या बंटवारे का कोई प्लान है?

2019 में सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के बंटवारे की फर्जी खबर फैली। सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की गईं और दावा किया गया कि सरकार ने यूपी के बंटवारे का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।

सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि यूपी को तीन हिस्सों में बांटा जाना है। इनका नाम होगा- उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल। यूपी की राजधानी लखनऊ, बुंदेलखंड की प्रयागराज और पूर्वांचल की गोरखपुर होगी।

तब सीएम योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanath के सूचना सलाहकर मृत्युंजय कुमार ने बीबीसी से बात करते हुए कहा था कि यूपी के बंटवारे की कोई योजना नहीं है। यूपी सरकार के सामने इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने इसे महज अफवाह बताया था।

बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही यूपी के बंटवारे के खिलाफ रही हैं। 2011 में जब मायावती यूपी के बंटवारे का प्रस्ताव लेकर आई थीं, तब समाजवादी पार्टी ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। उस समय बीजेपी, कांग्रेस और बाकी पार्टियों ने सपा का साथ दिया था।

हालांकि, फरवरी 2014 में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि यूपी जैसे बड़े राज्यों में 'गुड गवर्नेंस' मुमकीन नहीं है। इस राज्य के बेहतर भविष्य के लिए हमें इसके बंटवारे के बारे में सोचना चाहिए। जयराम रमेश ने जनवरी 2019 में एक अखबार में लिखे लेख में यूपी के पुनर्गठन की बात कही थी।

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