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नई दिल्ली: सालों पहले रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होने वाले अधिकारी को 23 साल बाद कोर्ट ने जेल की सजा सुनाई है. जेल की सजा पाने वाला कोई छोटा-मोटा अफसर नहीं है. वो 1989 बैच का आईआरएस अधिकारी ( IRS Officer) है. सोमवार को दिए गए कोर्ट के दिए इस फैसले की हर तरफ चर्चा हो रही है.
जानकारी के अनुसार, साल 1989 बैच के आईआरएस (Indian Revenue Service) अधिकारी अरविंद मिश्रा ( Arvind Mishra) को उत्तर प्रदेश के लखनऊ की अदालत ने वर्ष 1999 में 15,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में छह साल के कारावास की सजा सुनाई है. सजा सीबीआई द्वारा पेश किए गए सबूतों के और जांच के आधार पर सुनाई गई है. कोर्ट ने अरविंद मिश्रा पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अरविंद मिश्रा ने 15 हजार की रिश्वत उस दौरान ली थी जब वो उन्हें लखनऊ में आयकर विभाग के उपायुक्त के रूप में प्रतिनियुक्त किए गए थे. 29 नवंबर 1999 को अरविंद मिश्रा ने "नो ड्यूज सर्टिफिकेट" जारी करने की एवज में 20,000 रुपये की रिश्वत मांग की थी.जिसकी शिकायत मिलने पर सीबीआई ने 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए अरिवंद मिश्रा को रंगे हाथ पकड़ा था.
मामले की जांच करने के बाद आरोपी अधिकारी के खिलाफ सीबीआई मामलों की लखनऊ स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था. बाद में रिश्वत लेने के इस मामले में अधिकांश समय सुनवाई तक रुकी रही थी. क्योंकि इस मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न याचिकाएँ लंबित थीं. अभियुक्तों द्वारा दायर याचिकाओं का सीबीआई अभियोजकों ने पर्याप्त रूप से प्रतिवाद किया था.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया है कि सीबीआई आईआरएस के रिश्वत लेने के इस मामले में ट्रायल कोर्ट और उच्च न्यायालय दोनों को समझाने में सफल रही. जिसके चलते अभियुक्त की याचिकाओं को खारिज कर दिया गया. जिसके बाद सोमवार को आरोपी अधिकारी को छह साल की जेल की सजा सुनाई है.
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