यूपी। वाराणसी के नए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल की भू माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ सख्त अफसर की छवि है, लेकिन उनके व्यक्तित्व का एक संवेदनशील पक्ष भी है। जिस दुर्दांत को मुठभेड़ में मार गिराया, उसकी चार साल की बेटी को गोद लेकर परवरिश भी की।
1997 बैच के आईपीएस मोहित अग्रवाल मूलत बरेली के रहने वाले हैं। वाराणसी के तीसरे पुलिस आयुक्त बने मोहित ने एडीजी एटीएस रहते हुए कई अंतरराष्ट्रीय गिरोह को नेस्तनाबूद किया। फरवरी 2020 में फर्रुखाबाद में सुभाष बाथम नाम के सिरफिरे ने 23 बच्चों को बंधक बना लिया था। उन्हें छोड़ने के लिए प्रति बच्चा एक-एक करोड़ रुपये की फिरौती मांग रहा था। न देने पर बच्चों समेत पूरे मकान को विस्फोटक से उड़ा देने की धमकी दी थी। उस वक्त मोहित अग्रवाल कानपुर रेंज के आईजी थे।
बच्चों को छुड़ाने के लिए आपरेशन ‘मासूम’ चलाया गया था। उसे मोहित लीड कर रहे थे। घंटों प्रयास के बाद सुभाष को मार गिराया गया। आक्रोशित भीड़ ने उसकी पत्नी को पीट दिया जिससे उसकी भी मौत हो गई। बाथम की चार वर्ष की बेटी गौरी को आईजी मोहित अग्रवाल ने गोद ले लिया। कानपुर के चर्चित बिकरू कांड के बाद मुठभेड़ में दो आरोपियों को मार गिराने के ऑपरेशन का नेतृत्व किया था।
पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने 30 नवंबर 2022 को सीपी वाराणसी का कार्यभार ग्रहण किया था। ज्ञानवापी प्रकरण में कोर्ट सर्वे, एएसआई सर्वे और तहखाने में पूजा के आदेश का शांतिपूर्ण अनुपालन समेत प्रधानमंत्री के काशी भ्रमण कार्यक्रमों के सकुशल संपन्न कराने में उनकी अहम भूमिका रही। इसके साथ ही अपराधियों, सूदखरों व भूमाफियों के खिलाफ में सख्त रुख अपनाया। प्रशासन से समन्वय बनाकर काम करने के लिए जाने जाएंगे।