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आईपीएस अफसर बेटे का हुआ तबादला, भड़के पिता ने कही ये बात

jantaserishta.com
3 Aug 2023 3:27 AM GMT
आईपीएस अफसर बेटे का हुआ तबादला, भड़के पिता ने कही ये बात
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बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में आईपीएस प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर की चर्चा खूब हो रही है। कांवड़ियों पर लाठीचार्ज के महज तीन घंटे के भीतर प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया। बरेली एसएसपी पद से उन्हें हटाकर 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ में ट्रांसफर कर दिया गया। रविवार रात करीब 10 बजे सरकार की ओर से प्रभाकर चौधरी का तबादला आदेश जारी होने को लेकर चर्चा का बाजार गरमाया हुआ है। एसएसपी से सेनानायक बनाए जाने को लेकर भी चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि उनके कद को छोटा कर दिया गया है। प्रभाकर चौधरी की जगह सीतापुर के एसपी सुशील चंद्रभान धुले को बरेली का नया एसएसपी बनाया गया है। दरअसल, रविवार की शाम 7 बजे कांवड़ियों पर लाठीचार्ज का मामला सामने आया था। इसके बाद ट्रांसफर आदेश आ गया।
कौन हैं प्रभाकर चौधरी?
प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम पारस नाथ चौधरी है। प्रभाकर चौधरी ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता हासिल की। उन्हें आईपीएस के रूप में चुना गया। यूपी कैडर में उन्हें तैनाती दी गई। प्रभाकर चौधरी ने देवरिया, बिजनौर, बलिया, बुलंदशहर और कानपुर देहात में एसपी के पद पर काम किया है।
पिता बोले
आरोप लगा कि एसएसपी प्रभाकर चौधरी के आदेश पर ही कांवड़ियों पर लाठीचार्ज किया गया। इन आरोपों पर प्रभाकर चौधरी के पिता पारस नाथ चौधरी ने एक चैनल से खास बातचीत की और कहा कि अगर उनका बेटे दोनों पक्षों को समझा-बुझाता न तो वहां दंगे हो सकते थे। जिस रास्ते से जाने की कांवड़िए जिद कर रहे थे, अगर उनका बेटा वहां से जाने का आदेश दे देता तो 25 से अधिक लोग मारे जाते। उनके बेटे ने दंगा होने से बचा लिया, जिसकी सजा उसे ट्रांसफर के रूप में मिली।
प्रभाकर चौधरी के पिता पारस नाथ चौधरी ने कहा कि उनका बेटा समझदार और होनहार है। तभी उसने सिविल सर्विसेज का एग्जाम क्रैक किया। हां उसकी एक कमी कहें या अच्छाई, वह नेताओं की सुनता नहीं है। नेता लोग दबाव डालकर गलत काम कराना चाहते हैं, जिसे वह इनकार कर देता है। इसी वजह से वह नेताओं की नजरों में खटकता है। पारस नाथ चौधरी ने कहा कि वह 40 सालों से बीजेपी से जुड़े हैं। राजनीति की उन्हें भी सीख है। वह संघ के कार्यकर्ता रह चुके हैं।
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