पशुधन विभाग में फर्जी टेंडर घोटाले के आरोपी भगोड़ा आईपीएस अरविंद सेन यादव गुरुवार से 24 घंटे की पुलिस रिमांड पर है. जबकि लखनऊ पुलिस ने उन्हें हजरतगंज थाने की हवालात में बंद कर दिया है और अब पुलिस पशुधन विभाग में हुए फर्जी टेंडर घोटाले को लेकर उनसे पूछताछ करेगी. बता दें आईपीएस पर पशुधन विभाग के फर्जी टेंडर घोटाले के मामले में वादी को धमका कर 35 लाख की वसूली का आरोप लगा है. इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही अरविन्द सेन फरार चल रहे थे. जबकि पुलिस ने उनके ऊपर पहले 25 हजार का इनाम घोषित किया था, जिसके बाद इनाम की राशि बढाकर 50 हजार कर दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी वह पकड़ से बाहर थे. हालांकि कुर्की का आदेश होने पर अरविंद सेन ने कोर्ट में सरेंडर किया था.
इससे पहले सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी और वर्तमान डीआईजी अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. गिरफ्तारी के डर से अरविंद सेन काफी दिनों से फरार चल रहे हैं. पुलिस ने लखनऊ और उनके पैतृक आवास अयोध्या में डुगडुगी पिटवा कर उन्हें फरार घोषित कर दिया है. हालांकि 31 जनवरी को ही निलंबन के दौरान ही सेन रिटायर हो गए हैं. बहराहल, इंदौर के एक कारोबारी से पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी हुई थी. इस मामले में 15 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. आरोपियों से मिलीभगत करके वादी को धमकाने का आरोप अरविंद सेन पर है. इस एवज़ में अरविंद को आरोपियों ने 35 लाख रुपए दिए थे जिसमें से 10 लाख रुपये अरविंद के बैंक एकाउंट में गए थे जिसका खुलासा विवेचना के दौरान हुआ है.
पशुपालन विभाग में आपूर्ति के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद आईपीएस अरविंद सेन यादव सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि लगातार फरार चलने की वजह से उन्हें भगोड़ा घोषित करते हुए पुलिस कुर्की की कार्रवाई में जुट गई थी, लेकिन डर की वजह से उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था.