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आईपीएस अफसर लिपि सिंह का ट्रांसफर, पिता की राजनीती में है अच्छी पकड़, इस विवाद के चलते आई थी सुर्खियों में

jantaserishta.com
1 Jan 2021 3:59 AM GMT
आईपीएस अफसर लिपि सिंह का ट्रांसफर, पिता की राजनीती में है अच्छी पकड़, इस विवाद के चलते आई थी सुर्खियों में
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कहलाती हैं लेडी सिंघम.

नए साल के मौके पर बिहार सरकार ने 12 जिलों के कलेक्टर और 13 जिलों के पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की बेटी आईपीएस अफसर लिपि सिंह को सहरसा का नया एसपी बनाया गया है. लिपि सिंह को मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान बवाल के बाद चुनाव आयोग ने हटा दिया था.

आईपीएस लिपि सिंह को एक बार फिर से जिला की कमान दी गई है और उन्हें सहरसा का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. लिपि सिंह जनता दल यूनाइटेड के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की बेटी है. आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुंगेर में स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच हुई हिंसा के बाद सरकार ने उस समय के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को हटा दिया था. मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी. स्थानीय लोगों का आरोप था कि एसपी लिपि सिंह के कहने पर पुलिस वालों ने गोली चलाई थी जिसमें एक युवक की मौत हुई थी.
स्थानीय लोगों के दबाव की वजह से सरकार ने उस वक्त लिपि सिंह को मुंगेर एसपी के पद से हटा दिया था. दो महीने के बाद अब उन्हें फिर से जिला की कमान सौंपी गई है और उन्हें सहरसा पुलिस अधीक्षक बना दिया गया है.
कहलाती हैं लेडी सिंघम
Who is IPS Lipi Singh: बिहार में विधानसभा चुनाव मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस घटना में पुलिस की ओर से लाठीचार्ज से लेकर फायरिंग में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. चुनावी घमासान के बीच मुंगेर की पुलिस कप्तान लिपि सिंह भी अब लोगों के निशाने पर आ गई हैं. आइए जानते हैं मुंगेर जिले की एसपी आईपीएस लिपि सिंह कौन हैं, आखिर क्यों वो इस मामले के बाद विवादों से घिर गई हैं.
2016 बैच की आईपीएस लिपि सिंह बिहार की ही रहने वाली है. वो अपनी ट्रेनिंग से लेकर अब तक कई मामलों से चर्चा में आ चुकी हैं. वो अपने पुलिस अभियानों से भी सुर्ख‍ियों में रही हैं. उनके पिता आरसीसी सिंह भी एक आईएएस अफसर रह चुके हैं. उनके पिता को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी कहा जाता है.
मुंगेर में पहले चरण के मतदान से पहले हुई इस घटना के बाद से लोग उन पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस पूरी घटना में पुलिस नाकाम रही है. मूल रूप से बिहार के नालंदा जिले की रहने वाली लिपि सिंह के पिता जनता दल यूनाइटेड से राज्यसभा सांसद हैं. अपने पिता की तरह ही लिपि सिंह ने भी प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में अपना करियर बनाया.
यही नहीं लिपि सिंह के पति सुहर्ष भगत भी आईएएस अफसर हैं वो वर्तमान में बांका के जिलाधिकारी हैं. अब लिपि सिंह को लेकर चर्चा हो रही है कि चुनाव के दौरान नेताओं के रिश्तेदार और करीबियों को ट्रांसफर किया जाता है. लेकिन सत्तारुढ दल के नेता आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह का ट्रांसफर नहीं किया गया.
ऐसी भी चर्चा है कि ट्रेनिंग के बाद ज्यादातर पोस्टिंग में वो अपने पिता आरसीपी सिंह के आसपास ही रही हैं. इस चुनाव में दोनों पति-पत्नी को ड्यूटी पर तैनात किया गया है. अब राजनीतिक दल ये सवाल उठा रहे हैं कि ये जानते हुए भी कि दोनों आरसीपी सिंह के रिशतेदार और नीतीश कुमार के करीबी हैं फिर भी इन्हें ड्यूटी पर क्यों लगाया गया.
इससे पहले पिछले साल लिपि सिंह मोकामा जिले के बाहुबली और निर्दलीय विधायक अनंत सिंह पर कार्रवाई करके चर्चा में आईं थी. विधायक के गांव के घर से एक एके-47 बरामद हुई जिसके बाद अनंत सिंह को जेल जाना पड़ा है. उस समय अनंत सिंह ने आरोप लगाया था कि आरसीपी सिंह के इशारों पर लिपि सिंह ने उन पर कार्रवाई की है.
इस घटना के बाद आईपीएस लिपि सिंह को एएसपी से पदोन्नत करते मुंगेर का पुलिस कप्तान बनाया गया था. मंगलवार को बिहार के मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस कार्रवाई से वो चर्चा में आ गईं. यह कहा जा रहा है कि इस घटना में पुलिस पर हमला हुआ. इसमें थानेदार का सिर फटा और 20 पुलिसवाले घायल हुए और एक की मौत हो गई है.
बता दें क‍ि मंगलवार को बिहार के मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान जमकर बवाल हुआ. खबर के मुताबिक व‍िसर्जन के दौरान गोली चली जिसमें पांच स्थानीय लोग घायल हो गए, जबकि एक शख्स की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया. वहीं, पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर पथराव किया और फायरिंग की. इस बवाल में 17 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. दरअसल, चुनाव के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पूजा समितियों को निर्देश दिया था कि वे 26 अक्टूबर की शाम तक विसर्जन कर ले. शहर के पंडित दीन दयाल चौक के पास शंकरपुर की प्रतिमा को विसर्जन के लिए पुलिस द्वारा कहा गया, जिसको लेकर पुलिस और स्थानीय लोगों में कहासुनी हुई. इतने में गोली चलने की आवाज सुनाई दी.
इस फायरिंग में 18 वर्षीय अनुराग कुमार की मौके पर ही मौत हो गई. इस गोलीबारी में पांच अन्य लोग भी घायल हो, जिनका इलाज मुंगेर के सदर अस्पताल में चल रहा. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की फायरिंग में युवक की मौत हुई है. बहरहाल घटना के बाद दीन दयाल चौक और आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है.



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