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सस्पेंड हो सकते है IPS अरविंद दिग्विजय नेगी, आतंकी संगठन को दे रहा था गोपनीय जानकारी

Nilmani Pal
20 Feb 2022 5:13 AM GMT
सस्पेंड हो सकते है IPS अरविंद दिग्विजय नेगी, आतंकी संगठन को दे रहा था गोपनीय जानकारी
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दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में एसडीआरएफ के पुलिस अधीक्षक (SP) अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी को लेकर प्रदेश में नई बहस छिडी है. वहीं, अरविंद दिग्विजय नेगी ने कश्मीर घाटी में जिस ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) परवेज खुर्रम के घर पहली बार छापा मारा था, उसी को आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज सौंप सौदेबाजी कर ली. ऐसे में कई लोग इस मामले के उजागर होने के बाद हैरान हैं. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब किसी पुलिस अफसर पर प्रदेश में कार्रवाई हुई हो. बता दें कि इससे पहले भी बहुचर्चित गुडिया कांड में 9 पुलिस अधिकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिनमें IG रैंक के पुलिस अफसर जहूर जैदी भी शामिल हैं.

दरअसल, NIA ने बीते साल 6 नवंबर 2021 को देश में आतंकी गतिविधियों में मदद पहुंचाने वाले ओजीडब्ल्यू के प्रसार के मामले में एक केस दर्ज किया था. जहां पर नेगी की गिरफ्तारी इसी मामले की एक कड़ी है. हालांकि अब तक इस मामले में यह सातवीं गिरफ्तारी है. सूत्रों के मुताबिक नेगी और ओजीडब्ल्यू के बीच संदिग्ध गतिविधियों के बारे में पहली बार IB ने NIA के साथ टिप साझा किए थे. इसके बाद उन्हें गृह राज्य हिमाचल प्रदेश वापस भेज दिया था. बताया जा रहा है कि नेगी ने NIA की ओर से पहली बार अक्तूबर साल 2020 को लश्कर के लिए काम करने वाले ओजीडब्ल्यू खुर्रम परवेज के सोनावर स्थित घर पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया था.

वहीं, दिग्विजय सिंह नेगी, उस दौरान जम्मू-कश्मीर में गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ NIA मामले की जांच-पड़ताल कर रहे थे. हालांकि नेगी ने इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े कई मामलों की जांच की है, जिसमें कुछ मामले हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के खिलाफ भी हैं. ऐसे में सीनियर IPS नेगी NIA के गठन के समय से ही संगठन का हिस्सा थे. उस दौरान उनके खाते में कई सफल उपलब्धियां दर्ज की हैं, जिसके चलते साल 2017 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्हें सम्मानित भी किया गया था. बता दें कि सूत्रों KS अनुसार, नेगी की टीम के सुराग पर ही PDP नेता वहीद पारा और DSP दविंदर सिंह की गिरफ्तारी हुई थी. इन दोनों पर हिजबुल आतंकियों के साथ साठगांठ का आरोप है. वहीं, नेगी जम्मू-कश्मीर के अलावा साल 2007 में हुए अजमेर दरगाह धमाकों, 2008 के मालेगांव विस्फोटों की जांच-पड़ताल से भी जुड़े हुए थे.

वहीं, खुर्रम ने NIA को इस बात की जानकारी दी कि संगठन को डबल क्रॉस करते हुए नेगी ने उसे ही (खुर्रम को) लश्कर की गतिविधियों से जुड़े दस्तावेज सौंप दिए थे. हालांकि NIA ने इस मामले में नेगी के खिलाफ IPC की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए उकसाना), और 121 ए ( दंडनीय अपराध करने की साजिश), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाना), 18 (साजिश), 18 बी (आतंकवादी कृत्य के लिए किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की भर्ती) और 40 (आतंकवादी संगठन के लिए धन जुटाना) के तहत संगीन धाराओं में केस दर्ज दर्ज किया है.

गौरतलब है कि हिमाचल काडर के IPS अधिकारी अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी की 48 घंटे बाद डीम्ड संस्पेशन होनी है. यानी कि नियमानुसार वह सस्पेंड हो जाएंगे. फिलहाल NIA की ओर से इसकी सूचना हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Government) को दे दी जाएगी. इसके साथ ही अरविंद नेगी की संपत्ति पर भी NIA ने नजर रखी हुई है. बता दें कि नेगी जिला किन्नौर के कल्पा के रहने वाले हैं. वहीं, सूत्रों के मुताबिक शिमला और नाहन में उनकी संपत्ति है, जिसकी NIA की ओर से इनकी संपत्ति की जांच और बैंक अकाउंट डिटेल्स खंगाले जाने हैं.

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