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कनाडा में अपराधों में बढ़ रही है पंजाबियों की भागीदारी

Shantanu Roy
8 Oct 2023 6:51 PM GMT
कनाडा में अपराधों में बढ़ रही है पंजाबियों की भागीदारी
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जालंधर। भले ही आतंकी हरदीप निज्जर को लेकर भारत-कनाडा विवाद अब हुआ है लेकिन यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि लंबे समय से ट्रूडो सरकार लक्षित हत्याओं, नशीली दवाओं की तस्करी और गैंगवार का सामना कर रही है। हाल ही में कनाडा की पुलिस ने ओंटारियो प्रांत के ब्रैम्पटन शहर में प्रतिबंधित या वर्जित हथियार रखने के आरोप में 19 से 26 साल के 8 सिख युवाओं को गिरफ्तार किया है लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है कि पंजाबी मूल के युवा गिरफ्तार हुए हों। दरअसल कनाडा में कुछ पंजाबी मूल के युवाओं की अपराधों में भागीदारी बढ़ती जा रही है और जानकारों का कहना है कि इन्हीं युवाओं को खालिस्तानी चरमपंथी भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं। कनाडा के इतिहास में जून, 2021 में सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय ड्रग रैकेट का जब पर्दाफाश हुआ था तो इसमें भी पंजाबी मूल के भारतीय पीछे नहीं थे। टोरंटो पुलिस ने 1000 किलोग्राम से अधिक ड्रग्स और नशीले पदार्थों सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया था। पकड़ी गई ड्रग्स और नशीले पदार्थों की इंटरनैशनल मार्कीट में कीमत 61 मिलियन डॉलर (3.68 अरब रुपए) थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में 9 पंजाबी मूल के थे। यही नहीं इस साल कनाडा पुलिस ने वाहन चोरी के 119 आरोपियों की सूची जारी की थी, इन आरोपियों में भी 40 से ज्यादा पंजाब के थे और 314 आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे थे।
2022 में नए साल के जश्न में कनाडा की ओंटारियो की प्रांतीय पुलिस के डफरिन विभाग ने फायरिंग के सिलसिले में 17 पंजाबी युवकों को गिरफ्तार कर आरोपित किया था। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 8 हथियार भी बरामद किए गए थे। अप्रैल, 2021 में भी अमरीकन पुलिस ने 20.3 लाख डालर के एक इंटरनैशनल ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने ड्रग सिंडीकेट की तस्करी के कारण ओंटारियो के 25 लोगों के खिलाफ आरोप दर्ज किए थे। ड्रग रैकेट में ब्राम्पटन में रह रहे 20 भारतीयों को आरोपी मानते हुए पुलिस ने उनकी सूची भी जारी की थी। इनमें से अधिकांश पंजाबी मूल के प्रवासी भारतीय थे। पुलिस ने व्यापक अभियान के दौरान 50 से अधिक सर्च वारंट निकाले थे और 33 लोगों के खिलाफ 130 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज किए थे। जानकारों की माने तो अपराधों में संलिप्त पंजाबी युवाओं का खालिस्तानी कनैक्शन हो सकता है। खालिस्तानी संगठन ऐसे ही युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करते हैं और उन्हें भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल करते हैं। वोट बैंक की राजनीति की खातिर कनाडा अब चंद पंजाबियों की अपराध स्थली बन चुका है जिससे अन्य पंजाब के लोगों को भी शर्मिंदा होना पड़ रहा है।बहरहाल खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के तेवर भी भारत की ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से ठंडे पड़ चुके हैं, लेकिन अपराध में शामिल होने वाले पंजाबी सिख मूल के लोगों की खालिस्तानी भूमिकाओं की भी कनाडा सरकार को जांच करने की जरूरत है।
Shantanu Roy

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