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कोरोना काल में कलश यात्रा के नाम पर मौत को न्योता! देखें महिलाओं का हैरान करने वाला वीडियो

jantaserishta.com
11 May 2021 6:53 AM GMT
कोरोना काल में कलश यात्रा के नाम पर मौत को न्योता! देखें महिलाओं का हैरान करने वाला वीडियो
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कोरोना से बचाव के लिए देश और दुनिया में जागरुकता लाने की तमाम कोशिशें हो रही हैं. इसके बावजूद देश के कई हिस्सों से सुरक्षा प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ने की तस्वीरें और वीडियो आए दिन सामने आते रहते हैं. ताजा मामला ओडिशा के गंजम जिले का है. यहां से हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं जहां सैकड़ों महिलाओं को बिना कोविड प्रोटोकॉल की परवाह किए डीजे म्यूजिक के शोर बीच कलश यात्रा निकालते देखा जा सकता है.

सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को ताक पर रख कर ये कलश यात्रा गंजम जिले के सेरागाडा ब्लॉक के कृष्णाचाही गांव में मंदिर की स्थापना के अवसर पर निकाली गई. इसमें महिलाएं पवित्र जल से भरे कलश सिर पर लेकर यात्रा निकालते देखी गईं. बता दें कि ओडिशा में भी देश के कई और राज्यों की तरह लॉकडाउन लागू है. ओडिशा के सभी जिलों में गंजम में दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है. ऐसे में यह यात्रा कई लोगों की सेहत के लिए चिंताजनक स्थिति पैदा करती है.
गंजम जिला कलेक्टर विजय कुलांगे ने आजतक से बातचीत में कहा, "ये ग्रामीण इलाका है, स्थानीय लोगों ने यह आयोजन कराने का फैसला किया. जैसे ही लोगों के इकट्ठा होने की सूचना हम तक पहुंची, प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. तहसीलदार और सब कलेक्टर ने गांववालों से बात की और भीड़ को वहां से हटाया."
कुलांगे के मुताबिक गांव के लोग पिछले तीन दिन से इस आयोजन की तैयारी कर रहे थे. उन्हें समझाया गया कि वे फिर ऐसा करने की कोशिश न करें क्योंकि ग्रामीण महिलाओं को स्थिति की गंभीरता का नहीं पता. यह पूछे जाने पर कि क्या कोविड प्रोटोकॉल को तोड़ने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई तो कलेक्टर ने फिलहाल ग्राम प्रधान समेत किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की बात कही.
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भनक लगे बिना कैसे ये आयोजन हुआ और नियमों का खुला उल्लंघन किया गया. वो भी ऐसी स्थिति में जब ओडिशा में कोविड-19 के केसों की संख्या बढ़ना जारी है. ओडिशा में हर दिन नए केसों का आंकड़ा 10,000 से ऊपर जा रहा है. राज्य में 26 जिलों को रेड जोन घोषित किया गया है. इन सभी जिलों में एक्टिव केसों की संख्या 1000 से ज्यादा है.
देश में अकेले ओडिशा ने ऐसी तस्वीर पेश नहीं की है. इससे पहले गुजरात के अहमदाबाद के साणंद से पूजा-अर्चना के नाम पर भीड़ की ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं. जिसे देखकर कोई भी हैरान रह गया था. हजारों की भीड़ में लोग बिना मास्क, बिना सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा में शामिल हुए थे. हजारों महिलाओं और पुरुषों ने एकत्र होकर बलियादेव मंदिर से कलश यात्रा निकाली थी. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर 23 लोगों को गिरफ्तार किया था.
बता दें कि गुजरात में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति बेहद खराब बनी हुई है. राज्‍य में सामाजिक व धार्मिक समारोह पर पूरी तरह रोक है. बावजूद इसके लोग बड़ी तादाद में बाहर निकल रहे हैं और कोरोना गाडइडन की अनदेखी कर रहे हैं.
वहीं, कुछ ऐसा ही नजारा गुजरात के ही कच्छ में देखने को मिला था जहां पर मुस्लिम धर्मगुरु के जनाजे में जनसैलाब उमड़ पड़ा था. खुलकर कोविड नियमों की धज्जियां उड़ी थीं. जनाजे में लोग बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हुए देखे गए थे.
हजरत हाजी अहमदशाह बाबा बुख़ारी मुफ़्ती के जनाजे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही हैं. पुलिस ने भी जनाजे के एक वीडियो की पुष्टि की है. कुछ दिन पहले उनके बेटे का भी इंतकाल हुआ था.
वहीं, ठीक ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं में सामने आया था. यहां हजरत अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी का रविवार को इंतकाल हो गया था. जैसे ही लोगों को उनकी मौत की खबर लगी. दूर- दूर से उनके जनाजे में लाखों लोग इकट्ठा हो गए थे.
काजी मोहम्मद सालिमुल कादरी के इंतकाल के बाद उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन और जनाजे के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी. लोगों ने लॉकडाउन की खुले में धज्जियां उड़ाईं और सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी तरह से अनदेखी की. सबसे बड़ी बात यह रही कि पुलिस और प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं थी कि जनाजे में इतने लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जाएगी.
देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी तस्वीरें सामने आने के बाद कोरोना को लेकर फैलाई जा रही जागरुकता ही नहीं समाज की चेतना पर भी सवाल उठना लाजिमी है. कोरोना का अभी कहीं भी कोई पुख्ता इलाज नहीं मिल सका है. दुनिया भर में इसके असर को कम करने वाली वैक्सीन सामने आई हैं तो दूसरी ओर कोरोना बार-बार और भयंकर रूप अख्तियार कर रहा है. ऐसे में वैज्ञानिक और डॉक्टर लगातार सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजेशन को ही कोरोना से निपटने का पहला उपाय बता रहे हैं. वैक्सीन का नंबर इसके बाद आता है क्योंकि वैक्सीन लगने के बाद इम्युनिटी बनने में समय लग रहा है. कई बार तो इम्युनिटी उतने कारगर ढंग से नहीं बन पा रही है और टीके लगने के बाद भी मरीजों की कोरोना से स्थिति प्राणघातक हो रही है.


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