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आ गई जांच रिपोर्ट: बुजुर्ग ने 12 डोज कोरोना वैक्सीन लेने का किया था दावा, लेकिन अब ये बात आई सामने
jantaserishta.com
13 Jan 2022 11:19 AM GMT
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कोविशिल्ड की सभी डोज उसने अपने जिले में ही अलग अलग महीनों में पिछले साल मार्च से इस साल 10 जनवरी के बीच लगवाई है।
मधुपुरा: बिहार के मधेपुरा निवासी जिस बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल ने 12 डोज वैक्सीन लेने का दावा किया था, उसकी जांच रिपोर्ट आ गई है। जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि उसने दो से ज्यादा डोज ली है। हालांकि उसने 12 नहीं 8 डोज ली है।
कोविशिल्ड की सभी डोज उसने अपने जिले में ही अलग अलग महीनों में पिछले साल मार्च से इस साल 10 जनवरी के बीच लगवाई है। एक व्यक्ति का एक ही आधार कार्ड और मोबाइल नंबर पर आठ डोज वैक्सीनेशन ने सरकारी वेबसाइट कोविन की खामियों को भी उजागर कर दिया है।
मधेपुरा के ओरई गांव के पुरैनी थाना क्षेत्र में रहने वाले 84 वर्षीय ब्रह्मदेव को लगी आठ डोज में से चार की वैक्सीनेशन रिपोर्ट हिन्दुस्तान टाइम्स के पास भी मौजूद है। वैक्सीन सर्टिफिकेट के अनुसार इन टीकों को 13 मार्च से 7 नवंबर 2021 के बीच लिया गया है।
एक सर्टिफिकेट (beneficiary reference ID 570390402565) के अनुसार ब्रह्मदेव मंडल ने दो डोज 13 अप्रैल को एक ही दिन ली थी। जांच रिपोर्ट में अधिकारी ने भी इस बात पर आश्चर्य जताया है कि कैसे एक ही दिन दो डोज लेने के बाद भी सर्टिफिकेट जारी हो गया। जबकि दो डोज के बीच कम से कम 28 दिन का गैप अनिवार्य है।
एक अन्य सर्टिफिकेट (beneficiary reference ID 5701479124460) के अनुसार बुजुर्ग ने दो डोज 33 दिन के गैप पर पिछले साल 21 जून और 24 जुलाई को लिया था। केंद्र सरकार ने पिछले साल 12 मई को दो डोज के बीच का गैप 28 से 42 दिन से बढ़ाकर 84 दिन कर दिया था। इससे एक बार फिर वही सवाल उठता है कि कैसे कोविन पोर्टल ने मई के बाद लगवाई गई दो डोज के बीच गैप 84 दिन नहीं रखा।
तीन वैक्सीन सर्टिफिकेट पर बुजुर्ग की उम्र 84 साल और एक सर्टिफिकेट (beneficiary reference ID 570403079410) पर 67 साल अंकित है। बुजुर्ग ने सभी डोज अपने ही जिले में अलग अलग सेंटरों पर लगवाई है। उन्होंने पुरैनी हेल्थ सब सेंटर, पुरैनी प्राइमरी हेल्थ सेंटर, पुरैनी अतिरिक्त प्राइमरी हेल्थ सेंटर और पुरैनी मिडिल स्कूल पर लगे कैंप में वैक्सीन लगवाई है।
हिन्दुस्तान टाइम्स के पास मौजूद बुजुर्ग के आधार कार्ड के अंतिम चार अंक दो सर्टिफिकेट पर लिखे आधार नंबर से मैच करते हैं। दो अन्य सर्टिफिकेट पर 12 अंकों का आधार नंबर पूरी तरह छिपा हुआ है। स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि बुजुर्ग ने ग्रामीण इलाकों में लगाए गए वैक्सीनेश कैंप में ज्यादातर डोज ली है। वहां कोविन पोर्टल पर तत्काल एंट्री और टैबलेट जैसी सुविधाएं नहीं होंगी।
यह भी हो सकता है कि वहां पर एएनएम के पास इंटरनेट का इश्यू आ रहा हो। या वैक्सीनेशन में लगाई गई एएनएम टेक्नालॉजी से ज्यादा परिचित नहीं रही हो। यह हो सकता है कि वैक्सीन लगाने के दौरान आधार कार्ड की कापी लेकर आफलाइन ही डाटा कलेक्टर किया जाता रहा हो और बाद में उसे कोविन पोर्टल पर चढ़ाया गया हो। वैक्सीनेशन को लेकर दिये गए टार्गेट को भी इन सभी के पीछे कारण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जून में बताया था कि बिहार में दस करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 6 करोड़ डोज लग चुकी है।
पूरे मामले पर राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी अब चुप्पी साधे हुए हैं। मधेपुरा के सिविल सर्जन के रूप में कार्य करने वाले अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अब्दुल सलाम ने कहाकि हमने मंडल के दावे पर अपनी रिपोर्ट राज्य स्वास्थ्य सोसायटी, बिहार (एसएचएसबी) के कार्यकारी निदेशक को 8 जनवरी को सौंप दी।
उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से मना कर दिया। जांच रिपोर्ट के बारे में भी कहा कि यह गोपनीय है। SHSB के कार्यकारी निदेशक संजय कुमार सिंह ने भी बुधवार को इस सवाल को टाल दिया। उन्होंने कहा कि मुझे उस रिपोर्ट की जानकारी नहीं है। मेरे वरिष्ठों को सौंपी गई है।
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