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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: महिला पुलिस कॉन्स्टेबल सुनीता का सम्मान, पढ़े ई-रिक्शा चालक ब्रह्मदत्त की कहानी
jantaserishta.com
8 March 2022 10:44 AM GMT
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नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के मौके पर दुनिया नारी शक्ति को सलाम कर रही है. इस खास मौके पर दिल्ली पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल सुनीता को भी सम्मानित किया गया. सुनीता ने पिछले 8 महीनों में 73 गुमशुदा बच्चों को उनके माता-पिता से मिलवाने का बेहतरीन काम किया है.
महिला दिवस के मौके पर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने सुनीता और बच्चों के जीवन को बदलने वाले ई-रिक्शा चालक ब्रह्मदत्त राजपूत को भी सम्मानित किया. ई-रिक्शा चालक ब्रह्मदत्त ने 2 लड़कियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया था.
पुलिस कॉन्स्टेबल सुनीता की बहादुरी को किया सलाम
पुलिस कॉन्स्टेबल सुनीता की बहादुरी को सलाम करते हुए कैलाश सत्यार्थी ने कहा, 'ब्रह्मदत्त और सुनीता ने जो किया है वह अनुकरणीय है उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और 'सही' के लिए खड़े हुए उन्होंने बच्चों को ट्रैफिकर के चंगुल से मुक्त किया वे रोल मॉडल हैं पीड़ितों की रक्षा कर उनका कद ऊंचा हो गया है मेरे लिए आप असली हीरो हैं.'
कौन हैं कॉन्स्टेबल सुनीता?
सुनीता 10 नवंबर 2014 को दिल्ली पुलिस में भर्ती हुई थीं. शुरुआती ट्रेनिंग के बाद उन्हें पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर), सी4आई कमांड रूम सीपीसीआर, पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) सहित विभिन्न यूनिट्स में तैनात किया गया और फिर उन्हें पश्चिमी जिले में भेज दिया गया. फिलहाल वह पिछले एक साल से पश्चिमी जिले की मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) में तैनात हैं. पिछले महीने सुनीता ने विकासपुरी के एक सात साल के लड़के, मायापुरी की एक 13 साल की लड़की और कंजावाला के दो बच्चों का पता लगाया है. सुनीता आज देश की हर महिला के लिए प्रेरणा स्त्रोत है.
ब्रह्मदत्त राजपूत के साहस की कहानी
सुनीता के साथ ही ब्रह्मदत्त राजपूत के साहस की कहानी प्रेरणादायक है. ब्रह्मदत्त 5 मार्च को दिल्ली के विवेक विहार में बालाजी मंदिर के पास यात्रियों का इंतजार कर रहे थे. इतने ही में एक युवक 7 साल और 4 साल की दो बच्चियों को लेकर उनके ई-रिक्शा पर सवार हुआ और उसे चिंतामणि चौक पर छोड़ने को कहा. ब्रह्मदत्त को कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई. वह आदमी कचरे से भरे दो पॉलीबैग ले जा रहा था. दोनों बच्चियों ने उस आदमी से खाना उपलब्ध कराने के बाद उन्हें अपने घर छोड़ने के लिए कहा. तब ब्रह्मदत्त ने बच्चियों से पूछा कि क्या वे उस आदमी को जानती हैं? दोनों ने नहीं में जवाब दिया.
सजग और सतर्क ब्रह्मदत्त ने एक ट्रैफिक पुलिस के पास अपना रिक्शा मोड़ा और पुलिस को इसकी जानकारी दी. ब्रह्मदत्त राजपूत की शिकायत के बाद पुलिस ने लड़कियों को पकड़ने वाले रिक्शा चालक को गिरफ्तार किया गया था.
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