
दुनिया भर में कई ऐसे महान लोगों ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने काम और विचारों से मिसाल कायम की है। ऐसे लोगों की एक बहुत लंबी सूची है, जिनमें दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मंडेला का नाम भी शामिल है। शांति और रंगभेद के खिलाफ अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले मंडेला के जन्मदिन पर हर साल नेल्सन मंडेला इंटरनेशनल डे मनाया जाता है। 18 जुलाई को मंडेला की जन्म दिवस को मंडेला दिवस के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास और इसे मनाने के मकसद के बारे में-
नेल्सन मंडेला का इतिहास
यह दिन हर साल 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला की जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिन को सबसे पहले 18 जुलाई 2010 में मनाया गया था। इससे पहले नवंबर 2009 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक रूप से नेल्सन मंडेला इंटरनेशनल डे मनाने की घोषणा की गई थी। तब से लेकर आज तक हर साल 18 जुलाई को इंटरनेशनल नेल्सन मंडेला डे के रूप में मनाया जाता है।
नेल्सन मंडेला डे का मकसद
नेल्सन मंडेला ने अपना पूरा जीवन रंगभेद उसके खिलाफ और शांति के लिए संघर्ष करते हुए बिताया था। ऐसे में इस दिन का मकसद लोगों को गरीबी से लड़ने, सांस्कृतिक विविधता और दुनिया भर में शांति एवं सुलह के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन को 67 मिनट मंडेला दिवस के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सामाजिक न्याय के लिए मंडेला ने 67 साल तक लड़ाई लड़ी थी। यही वजह है कि इस दिन लोगों को 67 मिनट तक देश के लिए कुछ अच्छा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है।
नेल्सन मंडेला पुरस्कार
दुनिया भर में शांति के लिए किए गए नेल्सन मंडेला के अथक प्रयासों को देखते हुए साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने नेल्सन मंडेला पुरस्कार शुरू करने की भी घोषणा की। यह पुरस्कार हर पांच साल में एक बार दिया जाता है। इस पुरस्कार को उन लोगों की उपलब्धियों को पहचान देने के लिए दिया जाता है, जिन्होंने मानवता की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है।
