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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईएम)- 2023 के प्रस्ताव को प्रस्तुत किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने स्वीकार कर लिया। भारत सरकार के लिए यह घोषणा आईवाईएम को मनाने में सबसे आगे रहने के लिए सहायक रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को 'बाजरा के लिए वैश्विक केंद्र' के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ आईवाईएम- 2023 को 'जन आंदोलन' बनाने के लिए अपनी सोच को भी साझा किया है।
सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान बाजरे की खपत को लेकर कई साक्ष्य बताते हैं कि यह भारत में पैदा की जाने वाली पहली फसलों में से एक थी। वर्तमान में 130 से अधिक देशों में बाजरा का उत्पादन किया जाता है। इसे पूरे एशिया और अफ्रीका में 50 करोड़ से अधिक लोगों के लिए पारंपरिक भोजन माना जाता है। वहीं, भारत में बाजरा मुख्य रूप से एक खरीफ फसल है, जिसमें अन्य समान फसल की तुलना में कम जल और कृषि साधनों (इनपुट) की जरूरत होती है। बाजरा आजीविका उत्पन्न करने, किसानों की आय बढ़ाने और पूरे विश्व में खाद्य व पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी बड़ी क्षमता को देखते हुए महत्वपूर्ण है।
बाजरे की असाधारण क्षमता, जो संयुक्त राष्ट्र के कई सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरुप है, को मान्यता प्रदान करते हुए भारत सरकार ने इसे प्राथमिकता दी है। इससे पहले अप्रैल, 2018 में बाजरे को "पौष्टिक अनाज" के रूप में आगे बढ़ाया गया था। इसके बाद साल 2018 को राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया गया। इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर इसका प्रचार और मांग उत्पन्न करना था। 2021-2026 की पूर्वानुमान अवधि के दौरान वैश्विक बाजार में बाजरे की बढ़ोतरी की दर (सीएजीआर) 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने 6 दिसंबर 2022 को इटली के रोम में अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष- 2023 के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में भारत की ओर से वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। इस श्रृंखला में 'अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईएम) 2023' के पूरे साल चलने वाले उत्सव से पहले कृषि और किसान कल्याण विभाग ने संसद भवन में सांसदों के लिए एक विशेष 'बाजरा लंच' का आयोजन किया।
कृषि और किसान कल्याण विभाग ने आईवाईएम- 2023 के उद्देश्य को प्राप्त करने और भारतीय बाजरा को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए एक सक्रिय बहु-हितधारक जुड़ाव का दृष्टिकोण अपनाया है। इसके लिए इसमें केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश, किसान, स्टार्ट-अप्स, निर्यातक, खुदरा व्यवसाय, होटल और भारतीय दूतावासों आदि को शामिल किया गया है। मंत्रालय, राज्य और भारतीय दूतावासों को 2023 में आईवाईएम के प्रचार के लिए विभिन्न गतिविधियों को करने और उपभोक्ता, किसान व जलवायु के लिए बाजरा के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने को लेकर केंद्रित महीने आवंटित किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्रालयों में जनवरी- 2023 के लिए आईवाईएम से संबंधित गतिविधियां भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की ओर से शुरू की जाएंगी। इसके लिए मंत्रालय ने जनवरी में 15 दिनों की अवधि के लिए 15 गतिविधियों की योजना बनाई है। इनमें वीडियो संदेशों के माध्यम से खिलाड़ी, पोषणविद् व फिटनेस विशेषज्ञों को शामिल करने के साथ प्रमुख पोषणविद्, आहार विशेषज्ञों और विशिष्ट खिलाड़ियों के साथ बाजरा पर वेबिनार आयोजित करना और फिट इंडिया एप के माध्यम से प्रचार प्रसार करना आदि शामिल हैं। जनवरी में कार्यक्रमों की योजना बनाने वाले कुछ अन्य मंत्रालयों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय शामिल है। यह आंध्र प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में बाजरा मेले-सह-प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा। वहीं, भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) पंजाब, केरल और तमिलनाडु में 'ईट राईट मील' जैसे मेलों का आयोजन करेगा।
अगर राज्यों की बात करें तो छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान को आईवाईएम के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और प्रचार को लेकर विशिष्ट गतिविधियों को संचालित करने के लिए जनवरी माह आवंटित किया गया है। ये राज्य बाजरा केंद्रित गतिविधियों का आयोजन करेंगे। इनमें महोत्सव/मेला व खाद्य उत्सव, किसानों का प्रशिक्षण, जागरूकता अभियान, कार्यशाला/सेमिनार, होर्डिंग लगाना और राज्य के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर प्रचार सामग्री का वितरण आदि शामिल हैं। जनवरी में इस तरह की गतिविधियों का आयोजन करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पंजाब शामिल हैं।
जनवरी, 2023 के दौरान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) व कृषि और किसान कल्याण विभाग बेल्जियम में आयोजित व्यापार प्रदर्शनी में हिस्सा लेंगे। इसमें विभाग, एपीडा, स्टार्ट-अप्स, निर्यातक और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के प्रतिनिधियों के साथ एक बहु-हितधारक प्रतिनिधिमंडल आरटीई और आरटीसी बाजरा-आधारित उत्पादों के माध्यम से भारतीय बाजरे की विविधता का प्रदर्शन करेगा। इनका विपणन भारतीय कंपनी, बी2बी और बी2जी संवाद के माध्यम से किया जाता है।
इसके अलावा 2023 के दौरान 140 से अधिक देशों में भारत के दूतावास इस उत्सव में प्रदर्शनी, सेमिनार, वार्ता, पैनल चर्चा आदि के माध्यम से भारतीय प्रवासियों को शामिल करते हुए आईवाईएम पर कार्यक्रम आयोजित करके हिस्सा लेंगे। इसके तहत जनवरी में अजरबैजान और बेलारूस स्थित भारतीय दूतावास स्थानीय चैंबर, खाद्य ब्लॉगर, खाद्य पदार्थों के आयातकों और स्थानीय रेस्तरां आदि की भागीदारी के साथ बी2बी बैठक जैसी गतिविधियों का आयोजन करेंगे। पके हुए बाजरे के व्यंजन की प्रदर्शनी/प्रतियोगिता का आयोजन भारतीय प्रवासियों की सहायता से किया जाएगा और गणतंत्र दिवस समारोह के एक हिस्से के तहत बाजरे के व्यंजनों को परोसा जाएगा। अबुजा में भारत के उच्चायोग और लागोस स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने आईवाईएम के प्रचार के तहत जनवरी, 2023 में बाजरा खाद्य उत्सव और बाजरे से बने खाद्य पकवानों की प्रतियोगिता की योजना बनाई है। उच्चायोग परिसर में इस बाजरा खाद्य महोत्सव को आयोजित किया जाएगा। इसके साथ यह नाइजीरिया के गणमान्य व्यक्तियों व भारतीय समुदाय सहित आमंत्रितों के स्वागत और तैयारी के लिए स्टॉल प्रदान करेगा।
विभाग ने इस प्रयास के लिए एक सहभागितापूर्ण दृष्टिकोण के माध्यम से सभी से आगे आने और अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष- 2023 के भव्य उत्सव के माध्यम से 'चमत्कारी बाजरा' की भूली हुई महत्ता को फिर से स्थापित करने के लिए एक साथ आने का अनुरोध किया। इनमें बाजरा मूल्य-श्रृंखला में शामिल अंतरराष्ट्रीय संगठन, शिक्षाविद, होटल, मीडिया, भारतीय डायस्पोरा, स्टार्ट-अप समुदाय, सिविल सोसाइटी और अन्य शामिल हैं।
इसके अलावा बाजरा जी-20 बैठकों का भी एक अभिन्न हिस्सा है। इसके तहत प्रतिनिधियों को इसे चखने, किसानों से मिलने और स्टार्ट-अप व एफपीओ के साथ संवादात्मक सत्रों के माध्यम से बाजरा को लेकर अनुभव प्रदान किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष- 2023 के उत्सव में संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण की भावना सही मायने में देखी जा रही है।
jantaserishta.com
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