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नई दिल्ली: देश के 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया मंगलवार को खत्म हो गई. यूपी, बिहार, पंजाब सहित 12 राज्यों की 46 राज्यसभा सीटों पर निर्विरोध चुना जाना तय है, जहां पर सियासी परिस्थितियां ऐसी बनी है कि चुनाव की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहीं, हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान में सियासी घमासान होगा क्योंकि निर्धारित सीट से ज्यादा उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि, आधिकारिक तौर पर तीन जून को नाम वापसी की अंतिम तिथि पर स्थिति स्पष्ट होगी.
हरियाणा की दो राज्यसभा सीटों के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी से कृष्णलाल पवार और कांग्रेस से अजय माकन ने नामांकन दाखिल किया. वहीं, पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरने से मुकाबला रोचक हो गया है. बीजेपी की सहयोगी जेजेपी ने कार्तिकेय शर्मा को समर्थन देने का ऐलान किया है.
सूबे की विधानसभा में कुल 90 सीट हैं, जिनमें से बीजेपी 40 विधायक, कांग्रेस के 31 विधायक, जेजेपी के 10 विधायक तो सात निर्दलीय विधायक हैं. इनेलो का एक विधायक और एक अन्य का विधायक है. इस तरह से एक राज्यसभा सीट के लिए 31 वोटों की जरूरत होगी. बीजेपी के एक सीट जीतने के बाद 9 एक्सट्रा वोट बचेंगे जबकि कांग्रेस के सभी विधायक अगर एकजुट रहे तो अजय माकन जीत सकते हैं, लेकिन जिस तरह से जेजेपी, बीजेपी कार्तिकेय साथ आए हैं, इससे कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है. साथ ही अब निर्दलीय और अन्य विधायकों को साधने की कवायद दोनों तरफ से होगी.
राजस्थान की चार राज्यसभा सीट पर पांच उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. कांग्रेस की ओर से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी ने नामांकन पत्र दाखिल किया जबकि बीजेपी की तरफ से घनश्याम तिवाड़ी कैंडिडेट हैं. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरे सुभाष चंद्रा को बीजेपी समर्थन देकर मुकाबला रोचक बना दिया. विधायकों के मौजूदा आंकड़ों के लिहाज से एक सीट बीजेपी और तीन सीटें कांग्रेस की कन्फर्म थी, लेकिन सुभाष चंद्रा के निर्दलीय उतरने से अब कांग्रेस की दिक्कत बढ़ सकती है.
राजस्थान में कुल 200 विधायक हैं. ऐसे में एक राज्यसभा सीट के जीत के लिए 41 वोट चाहिए. बीजेपी के पास फिलहाल 71 विधायक हैं जबकि कांग्रेस पास 109 विधायक हैं. इस तरह बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी के 41 वोट के साथ जीत तय है और उसके बाद 30 वोट अतिरिक्त बचते हैं. वहीं, कांग्रेस के पास फिलहाल 109 विधायकों के अलावा 13 निर्दलीय, 2 सीपीएम और दो बीटीपी के विधायक हैं. वहीं, तीन विधायक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हैं. कांग्रेस की दो सीटें तो कन्फर्म हैं, जिसके बाद 27 अतरिक्त वोट बचेंगे. ऐसे में कांग्रेस को तीसरी सीट जीतने के लिए 14 वोट चाहिए होंगे तो बीजेपी के समर्थन के बाद सुभाष चंद्रा को 11 वोट तलाशना होगा. ऐसे में देखना होगा कि बाजी कौन मारता है?
महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीट पर 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं, जिसके चलते छठी सीट पर पेच फंस गया है. बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल सुखदेवराव बोंडे और धनंजय महादिक को उम्मीदवार बनाया है. शिवसेना से संजय राउत और संजय पवार मैदान में हैं, जबकि एनसीपी से प्रफुल पटेल और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी मैदान में हैं.
शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति संभाजी राजे भी राज्यसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें किसी भी दल से समर्थन नहीं मिला तो चुनाव नहीं लड़े. विधानसभा के संख्याबल के अनुसार बीजेपी दो सीटें, एक-एक सीट पर एनसीपी, कांग्रेस, शिवसेना की जीत कन्फर्म है. इस तरह से छठी सीट के लिए बीजेपी और शिवसेना के बीच सियासी घमासान होगा. ऐसे में देखना है कि बीजेपी और शिवसेना में कौन सियासी बाजी मारता है.
उत्तर प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों पर उतरे उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय है. बीजेपी के टिकट पर आठ प्रत्याशी मैदान में है तो सपा कोटे से तीन उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी से लक्ष्मीकांत बाजपेयी, राधा मोहन दास अग्रवाल सुरेंद्र सिंह नागर, बाबूराम निषाद, दर्शना सिंह, संगीता यादव, मिथिलेश कुमार और के लक्ष्मण मैदान में है. सपा ने दोबारा से जावेद अली खान को प्रत्याशी बनाया है तो निर्दलीय कपिल सिब्बल और आरएलडी के प्रमुख जयंत चौधरी को समर्थन दिया है. 11 राज्यसभा सीट के लिए 11 प्रत्याशी ही मैदान में है, जिसके चलते चुनाव की स्थिति नहीं बन रही है. इसके चलते सभी का निर्विरोध चुना जाना तय है.
बिहार में पांच राज्यसभा सीटों पर पांच प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं, जिसके चलते वोटिंग की स्थिति नहीं बनी बन रही. बीजेपी से उतरे शंभु पटेल और सतीष चंद्र दुबे मैदान में हैं तो जेडीयू से खीरू महतो चुनाव लड़ रहे हैं. आरएजेडी से मीसा भारती और फैयाज अहमद उम्मीदवार हैं. ऐसे में इन सभी पांचों का निर्विरोध चुना जाना तय है. ऐसे ही छत्तीसगढ़ की दो सीटों पर दो ही प्रत्याशी मैदान में हैं. कांग्रेस से रंजीता रंजन और राजीव शुक्ला प्रत्याशी हैं, जिनका निर्विरोध चुना जाना तय है.
झारखंड की दो राज्यसभा सीट पर दो ही उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं, जिसके चलते चुनाव की स्थिति नहीं बन रही. बीजेपी से आदित्य साहू तो कांग्रेस से महुआ मांझी मैदान में है, जिनका निर्विरोध चुना जाना तय है. वहीं, पंजाब की दो सीटों पर दो ही प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया. आम आदमी पार्टी से मशहूर पर्यावरण प्रेमी पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल और समाज सेवी पद्मश्री विक्रमजीत साहनी ने राज्यसभा का नामांकन दाखिल किया है, जिनका निर्विरोध चुना जाना तय है.
ओडिशा से राज्यसभा की चार सीटों पर चार उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेडी से सुलता देव, मानस रंजन मंगराज, डा. सस्मित पात्र और निरंजन बिशी ने राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया है, जिनका निर्विरोध जीतना तय माना जा रहा है. ऐसे ही मध्य प्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों 3 ही प्रत्याशी ने नामांकन पत्र दाखिल किया. कांग्रेस से विवेक तन्खा जबकि बीजेपी से सुमित्रा वाल्मीकि और कविता पाटीदार मैदान में हैं, जिनका जीतना तय है. उत्तराखंड की एकलौती राज्यसभा सीट के लिए बीजेपी से कल्पना सैनी मैदान में है, जिनके खिलाफ कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं है. इस तरह से कल्पना सैनी का भी निर्विरोध चुना जाना तय है.
दक्षिण भारत के चार राज्यों की राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जहां पर सभी का निर्विरोध चुना जाना तय है. कर्नाटक की चार सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जिनमें से तीन सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी हैं तो कांग्रेस के जयराम रमेश मैदान में हैं. ऐसे में चारों सदस्यों का निर्विरोध चुना जाना तय है. ऐसे ही आंध्र प्रदेश की चार सीटों पर चार ही प्रत्याशी हैं. वाईएसआर कांग्रेस के चार प्रत्याशी मैदान में है, जिनका निर्विरोध जीतना तय है. तेलंगाना की दो सीटों पर दो ही प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों ही सीटों पर टीआरएस के प्रत्याशी का निर्विरोध चुना जाना तय है. इसी तरह से तमिलनाडू की छह राज्यसभा सीटों पर छह प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं, जिसके चलते सभी का निर्विरोध चुना जाना तय है. डीएमके के 3 सदस्यों, कांग्रेस से पी चिंदबरम और एआईडीएमके के दो सदस्यों का उच्च सदन पहुंचना तय है.
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