भारत

U.P के इटावा में पति और पत्नी को थर्ड डिग्री देने वाला दरोगा हाजिर।

Triveni
18 Feb 2021 3:38 PM GMT
U.P के इटावा में पति और पत्नी को थर्ड डिग्री देने वाला दरोगा हाजिर।
x
यूपी के इटावा में महिला सिपाही से विवाद के बाद शिक्षक व पत्नी थाने में लाकर थर्ड डिग्री देने के मामले में एसएसपी ने एसएसआई को लाइन हाजिर कर दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी के इटावा में महिला सिपाही से विवाद के बाद शिक्षक व पत्नी थाने में लाकर थर्ड डिग्री देने के मामले में एसएसपी ने एसएसआई को लाइन हाजिर कर दिया है। उधर इस मामले में पीड़ित के साथ सांसद ने डीएम से मिलकर नाराजगी जताई और तीन दिन में जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग रखी। साथ ही सांसद ने एसएसपी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए।

सोमवार की रात को फ्रेंड्स कालोनी थाने में सिपाही प्रियंका का परिषदीय शिक्षक अरुण कुमार और उसकी पत्नी सुनीता के बीच दरवाजा देर से खोलने को लेकर विवाद हुआ था। विवाद की सूचना सिपाही ने थाने में दी तो पुलिस ने पहुंचकर शिक्षक व पत्नी को थाने लाकर जमकर पीटा। बाद में पति पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। फिर दोनों को जमानत पर छोड़ा गया। बेरहमी से शिक्षक की पत्नी की पिटाई की फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मामले ने तूल पकड़ लिया।
मामला बढ़ते देखकर बुधवार की देर रात फ्रेंडस कालोनी थाने के एसएसआई वीरेंद्र बहादुर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया और मामले की जांच एसपी सिटी को सौंप दी गई। महिला ने थर्ड डिग्री के बाद भी केवल लाइन हाजिर की सजा को नाकाफी बताते हुए दोषियों पर सख्त सजा की मांग करते हुए एसएसपी व डीएम से भी गुहार लगाई। लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने उसकी शिकायत पर जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। पीड़ित महिला ने गुरुवार को सांसद डॉ.रामशंकर कठेरिया से मुलाकात करके व्यथा सुनाई और और अफनी चोटों के निशान दिखाए। इस पर सांसद महिला को लेकर जिलाधिकारी श्रुति सिंह के पास पहुंचे और घटना पर नाराजगी जताते हुए तीन दिन में निष्पक्ष जांच कराकर सख्त कार्रवाई की मांग की।
घर में बैठकर जिला चला रहे हैं एसएसपी : सांसद
सांसद डा.रामशंकर कठेरिया ने कहा कि एसएसपी आकाश तोमर घर में बैठकर जिला चला रहे हैं। वह बाहर फील्ड पर नहीं निकलते हैं। उनको जो थानेदार बता देते हैं वो मान लेते हैं, ऐसे जिला नहीं चलता है। उन्होंने कहा कि वह इसकी जानकारी शासन को देंगे। एसएसपी के संज्ञान में जब पूरा मामला आ गया था तो उनको इस मामले में कठोर कार्रवाई करानी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने केवल एसएसआई को लाइनहाजिर करके सजा दे दी। उनके साथ जिलाध्यक्ष अजय धाकरे, महामंत्री अन्नू गुप्ता, प्रशांत राव चौबे आदि मौजूद रहे।


Next Story