उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) जिले में भोजीपुरा थाने के इंस्पेक्टर अशोक कुमार को ग्राम प्रधान से रिश्वत में कीमती मोबाइल (Mobile Phone) मांगना पड़ गया. प्रधान की शिकायत के बाद जब मामले की जांच की गई तो आरोप सही पाया गया. इसके बाद एसएसपी ने इंस्पेक्टर अशोक कुमार को लाइन हाजिर कर सस्पेंशन की कार्यवाई शुरू कर दी. इससे पहले भी एसएसपी भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर चुके हैं. अब एएसपी की जांच के बाद इंस्पेक्टर अशोक कुमार पर भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज हो सकती है.
दरअसल, भोजीपुरा के गांव रूपपुर निवासी नाजिम अली ने बताया कि गांव की प्रधानी 2005 से उनके घर में चली आ रही है. इस बार भी वह प्रधानी जीत गए. इस बात से गांव के रहने वाले हारे हुए एक प्रत्याशी उससे रंजिश मान रहा है. वह एक बार उन पर जानलेवा हमला कर चुका है और अब जान से मारने की धमकी दे रहा है. भोजीपुरा पुलिस का उसे संरक्षण मिला हुआ है. इसके चलते वह गांव में तमंचे लेकर घूमता है और उनके समर्थको के साथ मारपीट करता है. मारपीट के बाद जब नव निर्वाचित ग्राम प्रधान न्याय की गुहार लगाते हुए इंस्पेक्टर से मिलने गया तो इंस्पेक्टर ने उसे व्हाट्सएप पर मैसेज करके एक कीमती मोबाइल की मांग की.
सैमसंग कंपनी के मोबाइल की कीमत 50 हजार रुपये थी, अधिक कीमत होने के कारण ग्राम प्रधान ने इंस्पेक्टर को मोबाइल देने से इनकार कर दिया. इससे इंस्पेक्टर उससे रंजिश मानकर बातचीत भी बंद कर दी. अब दो दिन पहले ग्राम प्रधान ने आईजी रमित शर्मा को लिखित शिकायत करके इंस्पेक्टर पर कार्यवाई की मांग की. जिसके बाद एएसपी को जांच सौंपी गई. उधर, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि इंस्पेक्टर पर लगे आरोप जांच में सही पाए गए हैं. उन्होंने व्हाट्सएप पर एक प्रधान से मोबाइल मांगा था. उनके निलंबन की कार्रवाई भी शुरू की गई है.