अलीगढ़। अलीगढ़ महानगर के ऊपरकोट कोतवाली के मुंशियाने में 8 दिसंबर को गोली लगने से जख्मी हुई महिला इशरत निगार (55) की 13 दिसंबर की रात को मौत हो गई। मामले में दरोगा को लापरवाही भरे अंदाज में पिस्टल सौंपने वाले मुंशी सुदीप कुमार को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दरोगा की गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपये इनाम घोषित करने के बाद उसके पोस्टर सभी जिलों में डीसीआरबी के जरिये भिजवाए जा रहे हैं।
इशरत निगार कोतवाली के तुर्कमान गेट चौकी क्षेत्र के हड्डी गोदाम इलाके के बुजुर्ग हार्डवेयर/ताला व्यापारी शकील खां की पत्नी थी और वह पासपोर्ट सत्यापन के सिलसिले में बेटे ईशान संग कोतवाली गई थीं। दोपहर करीब ढाई बजे के आसपास वे मुंशियाने में पहुंचकर वहां मौजूद मुंशी (कार्यालय पुलिसकर्मी) से बात कर रही थीं। तभी मुंशी ने वहां दरोगा मनोज शर्मा को मालखाने से उनकी सर्विस पिस्टल निकालकर दी। दरोगा ने वहीं खड़े-खड़े पिस्टल को चेक करते हुए फायर कर दिया।
उसे पिस्टल का चैंबर खाली होने का अंदेशा था, लेकिन गोली थी, जो सीधे दरवाजे की ओर खड़ी महिला इशरत निगार की कनपटी के पास गर्दन पर जा लगी। गोली लगते ही वह नीचे गिर गई। तभी से उनका मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा था। मंगलवार को डॉक्टरों ने दो घंटे प्रयास कर उनके सिर का ऑपरेशन कर सफाई की थी। इशरत निगार पहले ही दिन से होश में नहीं आई और कोमा जैसी स्थिति में थी। बुधवार दोपहर से ही इशरत निगार की हालत बिगड़ने लगी और देर रात करीब दस बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जेएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.एम.हारिस ने महिला की मौत की पुष्टि की है।