यूपी। इस साल दूसरी बार आगरा में ताजमहल पर गोल्डीकायरोनोमस नामक कीड़े ने हमला कर पत्थरों को हरा कर दिया है। पहले अप्रैल फिर अक्टूबर और अब नवंबर के आखिरी दिन इन कीड़ों के हमलों ने स्मारक का सौंदर्य ही खराब कर दिया है। ताज अपनी खूबसूरती के लिए भले ही दुनियाभर में प्रसिद्ध हो, लेकिन गोल्डीकायरोनोमस कीड़ों ने इसको बदरंग करना शुरू कर दिया है।
ऐसा कई वर्षों में यदाकदा नहीं बल्कि एक ही साल में तीन बार होने से पत्थरों पर भी इसका असर पड़ रहा है। इन कीड़ों के हरा रंग छोड़ने के कारण मुख्य मकबरे में अंदर की दीवारों की पच्चीकारी बदरंग हो चुकी है। इससे स्मारक की छवि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के सामने खराब हो रही है। ताजमहल की उत्तरी दिशा में यमुना प्रवाहित हो रही है।
ताजमहल की उत्तरी दीवार पर चमेली फर्श के ऊपर कीड़ों द्वारा छोड़ी गई गंदगी के दाग वर्ष 2015 में सबसे पहले नजर आए थे। इसके बाद एएसआई की रसायन शाखा ने सेंट जोंस कालेज के विशेषज्ञों के साथ मिलकर कीड़े पर शोध किया था। शोध में गोल्डीकायरोनोमस कीड़े का होना पाया गया था।