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आईएनएस वाघशीर: भारतीय नौसेना की नई ताकतवर पनडुब्बी

jantaserishta.com
15 Jan 2025 12:13 PM GMT
आईएनएस वाघशीर: भारतीय नौसेना की नई ताकतवर पनडुब्बी
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मुंबई: आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की कलवरी क्लास की छठी पनडुब्बी है, जो फ्रांसीसी 'स्कॉर्पीन' डिजाइन पर आधारित है। यह पनडुब्बी 'प्रोजेक्ट 75' का हिस्सा है, जिसमें फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप से तकनीकी सहयोग प्राप्त किया गया है। इसके बाद, कई भारतीय कंपनियों के सहयोग से इसे "मेक इन इंडिया" की अवधारणा के तहत तैयार किया गया है।
आईएनएस वाघशीर, पिछली वेला क्लास पनडुब्बियों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, अत्याधुनिक तकनीक और मजबूत क्षमता के साथ बनाई गई है। इसमें स्टेल्थ (गुप्त) विशेषताएं, उन्नत हथियार प्रणाली, और अत्याधुनिक सोनार व सेंसर सिस्टम शामिल हैं। इसके अलावा, इसमें रडार, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी सेंसर और उपग्रह संचार प्रणाली भी उपलब्ध हैं, जो इसे और भी ताकतवर बनाते हैं।
आईएनएस वाघशीर की कुल लंबाई 67.5 मीटर और ऊंचाई 12.3 मीटर है, जिसमें से केवल आधा हिस्सा जलरेखा के ऊपर दिखाई देता है। यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना की ताकत को और भी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
लेफ्टिनेंट कमांडर आयुष गौतम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मैं लेफ्टिनेंट कमांडर आयुष गौतम हूं और मैं आईएनएस वर्कशीट पर पोस्टेड हूं। मेरी जिम्मेदारी बोर्ड पर नेवीगेशन ऑपरेशंस देखना है। यह पूरी तरह से भारत में बनी पनडुब्बी है, जिसे मझगांव डॉक लिमिटेड में निर्मित और कमीशन किया गया है। इसके लिए ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी फ्रांस से ली गई है। यह हमारी छठी और आखिरी पनडुब्बी है और यह पनडुब्बी 2025 में कमीशन हुई, जबकि पहली पनडुब्बी 2017 में कमीशन हुई थी।
उन्होंने आगे कहा कि इसमें जो वॉरफेयर सिस्टम और सेंसर हैं, वो बहुत उन्नत हैं। अगर आप इसे दूसरे देशों की पनडुब्बियों से तुलना करें, तो यह कहीं ज्यादा प्रभावी और बेहतर है। जहां तक नेवीगेशन की बात है, यह बहुत ही उन्नत है, क्योंकि पनडुब्बी के नीचे चलते वक्त जीपीएस सिग्नल नहीं मिलते। इस दौरान हमारे सेंसर और उपकरण इतने सटीक होते हैं कि हम बिना किसी परेशानी के सही रास्ते पर चलते रहते हैं और सुरक्षित रहते हैं।
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