जाको राखे साइयां मार सके न कोय...यह कहावत एक बार फिर सही साबित हुई है। 70 फीट गहरे अंधे कुएं में 72 घंटे यानी तीन दिनों तक रोता-बिलखता, चीखता-चिल्लाता रहा मासूम अंतत: मौत को हराकर बाहर आ गया है। भूख-प्यास से बेहाल नौ साल के मासूम रोहित को बचाने में अपनी जान की बाजी लगाने वाले कांस्टेबल के साहस की हर कोई तारीफ कर रहा है। एसपी की तरफ से कांस्टेबल को 11 हजार रुपये का इनाम भी दिया गया है। चुल्हावली निवासी बीमा एजेंट विजयकुमार का पहली कक्षा में पढ़ने वाला बेटा रोहित सात फरवरी को घर से अचानक गायब हो गया था। परिजनों के साथ पुलिस ने सभी संभावित स्थानोंपरतलाश की लेकिन वह नहीं मिला। इसी बीच 10 फरवरी को सुबह नौ बजे गांव के कुएं के नजदीक से गुजर रहे वनकर्मी राजेश को अंदर से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी,वनकर्मी की सूचना पर ग्रामीण और पुलिस तत्काल पहुंच गई। 70 फीट गहरे अंधेरे कुएं में कोई उतरने को तैयार नहीं हुआ। तब टूंडला थाने के कांस्टेबल शिवकुमार गौतम ने बिना वक्त गंवाए रस्सी के सहारे कुएं में उतर गए। उस वक्त बच्चा बेसुध हो गया था लेकिन सांसें चल रही थीं। कांस्टेबल ने बच्चे को रस्सी के बांधा और अपने साथ लेकर ऊपर चला आया। बच्चे को तत्काल अस्पताल भेजा गया। अब वह खतरे से बाहर लेकिन सदमे में है।पुलिस के मुताबिक, जिस कुएं से रोहित को निकाला गया वह गांव से लगभग तीन किलोमीटर दूर है। ऐसी आशंका है कि गांव के ही किसी युवक ने रोहित को कुएं में फेंका है। कुएं में पानी नहीं था। पत्थर पर गिरने से बालक को चोटें आईं और वह बेहोश हो गया। होश में आने पर वह अंधेरे में कुएं में खूब रोया-चिल्लाया, मगर किसी ने आवाज नहीं सुनी तो बच्चा उसी में पड़ा रहा। कुएं में बच्चे का जीवन आसान नहीं था। भूख-प्यास से भी जान जा सकती थी। बेहद कमजोर हो गया है। सामान्य होने में समय लगेगा। मासूम ने थोड़ा ठीक होने पर बताया कि रातें डरावनी रहीं। जानवरों की आवाजें बुरी तरह डराती थीं। मम्मी-पापा को ही पुकारता रहता था।कांस्टेबल को 11 हजार इनामसोशल मीडिया पर घटना की जानकारी वायरल होने के बाद हर ओर कांस्टेबल शिवकुमार गौतम की तारीफ हो रही है। एसएसपी अजय कुमार पांडे ने कांस्टेबल की बहादुरी को संज्ञान में लेते हुए शाबाशी के साथ 11 हजार रुपए का नगद इनाम व प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है।