भारत

पर्यावरण बचाने की पहल: ट्री एम्बुलेंस करेगी बीमार पेड़ों का इलाज, जानें सभी जानकारी

jantaserishta.com
29 March 2022 4:04 AM GMT
पर्यावरण बचाने की पहल: ट्री एम्बुलेंस करेगी बीमार पेड़ों का इलाज, जानें सभी जानकारी
x

नई दिल्ली: बीमार और कमजोर पेड़ों के इलाज के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने नई पहल की है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने बीमार और कमजोर पेड़ों के इलाज के लिए दो ट्री एंबुलेंस सेवा शुरू की है. यह शुरुआत पेड़ों के संरक्षण के लिए है. ताकि किसी भी पेड़ में किसी भी प्रकार की बीमारी है, कोई इंफेक्शन है या कीटाणु लगे हुए हैं तो उन्हें सही उपचार दिया जा सके. इसे सफल बनाने के लिए स्टाफ को ट्रेनिंग भी दी गई है.

ट्री एंबुलेंस के अंदर हाइड्रॉलिक लिफ्ट भी लगाई गई है ताकि ऊंचाई पर जाकर पेड़ों का उपचार आराम से किया जा सके. बता दें, पेड़ों में भी कई तरीके की बीमारियां होती है जैसे कि उनके तने में कीटाणुओं का लग जाना या दीमक का लग जाना. इससे पेड़ की उम्र घटती है और उसे नुकसान पहुंचता है. ऐसे में यह ट्री एंबुलेंस उन पेड़ों का उपचार करेगी जो इस तरीके की समस्या से ग्रसित हैं.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के उद्यान विभाग के डायरेक्टर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद इस ट्री एंबुलेंस की शुरुआत की गई है. इस एंबुलेंस के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. लोग अपने आसपास के बीमार पेड़ों के बारे में 155303 पर संपर्क करके जानकारी निगम के साथ साझा कर सकते हैं. जिसके बाद पेड़ की स्थिति का मुआयना करने के बाद टीम उस पर एक्शन लेगी.
खोखले हो चुके पेड़ों को ठीक करने के लिए सर्जरी करने की ट्रेनिंग स्टाफ को दी गई है. इसमें पहले पेड़ की दिक्कत का मुआयना किया जाता है. उसके बाद हल्की आग के जरिए पेड़ के कीटाणुओं को ठीक किया जाता है. फिर दो अलग-अलग प्रकार के कीटनाशक का छिड़काव उस खोखले हिस्से पर किया जाता है जहां कीटाणु हैं.
खोखले हिस्से के अंदर से डेड सेल भी हटाए जाते हैं और साफ किया जाता है. कीटाणुओं को मारने के बाद खोखले हिस्से में थर्माकोल और मुर्गा जाली भरी जाती है. बकायदा कील से उसे सुरक्षित किया जाता है. जिसके बाद खोखले हिस्से में पीओपी भरी जाती है. उसके बाद ऊपर से व्हाइट सीमेंट से ढका जाता है. इससे पेड़ के अंदर हवा नहीं जा सकती. पेड़ के अंदर का खोखला हिस्सा है वो समय के साथ धीरे-धीरे भरना शुरू हो जाता है और पेड़ बीमारी रहित और ठीक हो जाता है.
Next Story