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हनुमान मंदिर में लगा भक्तों का तांता, ढाई महीने में मिला 1 करोड़ 12 लाख रुपए का दान

Nilmani Pal
21 Jun 2022 1:35 AM GMT
हनुमान मंदिर में लगा भक्तों का तांता, ढाई महीने में मिला 1 करोड़ 12 लाख रुपए का दान
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बिहार। बिहार की राजधानी पटना में स्थित महावीर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं. कोरोना काल के बाद जैसे ही मंदिर खुला, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगने लगा. पहले मंगलवार को जितनी भीड़ होती थी, उतनी भीड़ शनिवार और रविवार को होने लगी है. मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल ने बताया कि सामान्य रूप से मं​दिर में मार्च, अप्रैल, मई और जून में सबसे अधिक भीड़ रहती है. इस दौरान प्रसाद की बिक्री बढ़ जाती है.

किशोर कुणाल ने 'आजतक' को बताया कि मंदिर के इतिहास में पहली बार नैवेद्यम् की बिक्री एक लाख किलो प्रति माह से भी अधिक हुई है. अप्रैल में नैवेद्यम् की कुल बिक्री 1 लाख 18 हजार 946 किलोग्राम हुई. मई में यह विक्रय 1 लाख 16 हजार 698 किलोग्राम रही. उन्होंने कहा कि जून में भी 15 दिनों में यह बिक्री 58 हजार 822 किलोग्राम हुई है. यानी जून के पहले 15 दिनों में भी यही क्रम रहा. उन्होंने कहा कि इस हिसाब से जून महीने में भी एक लाख किलो से अधिक की बिक्री अनुमानित है. किशोर कुणाल का दावा है कि तिरुपति के बालाजी मंदिर के बाद देश के किसी मंदिर में लड्डू की सबसे अधिक बिक्री महावीर मंदिर में होती है.

उन्होंने कहा कि भेंट और दान की राशि भी बढ़ी है. मंदिर की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले ये राशि एक लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से आती थी, लेकिन पिछले ढाई महीनों में यह राशि कुल 1 करोड़ 12 लाख 73 हजार 713 रुपए प्राप्त हुई है, जो प्रतिदिन के हिसाब से 1 लाख 48 हजार 338 रुपए बनती है. किशोर कुणाल के मुताबिक, पिछले ढाई महीनों में कर्मकांड के सभी मदों में कुल 96 लाख 67 हजार 178 रुपये की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें केवल रुद्राभिषेक में 20 लाख 68 हजार 823 रुपए का शुल्क प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि ये देश का शायद एकमात्र मंदिर है, जहां रसीद कटाने के बाद भक्त को पूजा-सामग्री या दक्षिणा पर एक भी पैसा खर्च नहीं करना पड़ता.

उन्होंने कहा कि मंदिर अपनी आय का 4 प्रतिशत बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को शुल्क में देता है. इस बार आशा की जा रही है कि यदि कोरोना के कारण लॉकडाउन नहीं लगा तो महावीर मंदिर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को करीब एक करोड़ रुपया शुल्क के रूप में देगा. उन्होंने बताया कि बारिश के महीनों में, पितृपक्ष में, पौष मास में, खरमास में तथा कुछ अन्य अवसरों पर मंदिर में भक्तों की भीड़, लड्डू की बिक्री व पूजा-पाठ सब कम हो जाता है. महावीर मंदिर भक्तों को भक्ति के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है.


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