भारत
बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ बड़ी समस्या, आधुनिक उपकरण से सीमा पर निगरानी: बीएसएफ डीजी
jantaserishta.com
30 Nov 2022 12:56 PM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारत-बांग्लादेश सीमा पर आए दिन घुसपैठ की खबरें सामने आती रहती हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) इसे रोकने के लिए हमेशा मुस्तैद भी रहती है। मगर इसको लेकर कई तरह की चुनौतियां भी पेश आती हैं। बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह ने कहा कि बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इसे रोकने के लिए अब बीएसएफ कई तरह के आधुनिक उपकरण सीमा पर लगा रही है।
बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ एक बड़ी समस्या है। पहले से ही भारत में काफी तादाद में बांग्लादेशी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि हर रोज तकरीबन 10 हजार लोग बांग्लादेश से वीजा पर आते और जाते हैं। मगर फिर भी घुसपैठ लगातार हो रही है।
पंकज सिंह ने बताया कि बीएसएफ अब ज्यादातर कम हानि पहुंचाने वाले हथियारों का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में कई बार घुसपैठिए और तस्कर इसका फायदा उठाकर सैनकों पर हमला करने और हथियार छीनने का काम भी करते हैं। यही वजह है कि बीएसएफ भारत-बांग्लादेश सीमा जो कि 4096.70 किलोमीटर है, वहां आधुनिक उपकरण और घुसपैठ रोकने के लिए नए उपाय कर रही है।
जानकारी के मुताबिक बीएसएफ घुसपैठ और तस्करी रोकने के लिए बांग्लादेश सीमा के अति संवेदनशील हिस्सों में कामचलाऊ बाधाओं का निर्माण कर रहा है। इसके अलावा अतिरिक्त पेट्रोलिंग और आधुनिक उपकरण जिनमें कैमरे, घुसपैठ अलार्म सिस्टम, डार्क पैच पर रोशनी सहित मानव तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) को भी तैनात किया गया है। वहीं सुंदरबन इलाके में फ्लोटिंग बीओपी की तैनाती की गई है।
बीएसएफ द्वारा ड्रोन के जरिए भी सीमा पर नजर रखी जा रही है। गौरतलब है कि भारत-बांग्लादेश सीमा से अवैध घुसपैठ सहित नशीली दवाओं की तस्करी, पशु तस्करी और अन्य सामानों की तस्करी की घटनाएं सामने आती हैं। यही वजह है कि इसको रोकने को लेकर बीएसएफ अब अलग अलग रणनीति पर काम कर रही है।
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