उत्तराखंड कांग्रेस में अंदरूनी कलह, नाराज विधायक ले सकते हैं बड़ा फैसला
उत्तराखंड। उत्तराखंड कांग्रेस के भीतर कुछ ठीक नहीं चल रहा है. विधानसभा चुनाव में 19 सीटों पर खुद को बचा पाई कांग्रेस के 19 विधायक ही एकजुट नहीं दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस भले सबकुछ ठीक होने का दावा करे लेकिन पार्टी की अंदरूनी कलह उस वक्त खुलकर सबके सामने आ गई जब प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के कार्यक्रम में कई विधायक पहुंचे ही नहीं.
कांग्रेस के बड़े नेता भले ही ये दावा कर रहे हों कि पार्टी के अंदर कोई गुटबाजी नहीं है. लेकिन उत्तराखंड में कांग्रेस की गुटबाजी किसी से छुपी नहीं है. जहां एक ओर नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस के दिग्गज आपस में ही एक दूसरे पर बातों ही बातों में निशाना साधते दिखाई दिए. वहीं अधिकतर विधायक इस कार्यक्रम से नदारद दिखे. पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी इस कार्यक्रम में नहीं दिखे, हालांकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रीतम सिंह के क्षेत्र में कोई बड़ी दुर्घटना हो गई है, जिस कारण वो कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके. वहीं दूसरी ओर विधायक हरीश धामी, राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट, ममता राकेश, विक्रम सिंह, समेत कई विधायकों ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी. उधर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का दर्द भी भरे मंच पर छलक गया और उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए की गई तपस्या हाईकमान तक नहीं पहुंचाई गई. वहीं प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा इस दौरान सभी बड़े नेताओं में संतुलन साधते हुए दिखे.
दूसरा वाकया सोमवार का है जब यशपाल आर्य ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का चार्ज संभाला, लेकिन इस कार्यक्रम में भी ज्यादातर विधायक नदारद रहे. कांग्रेस के 19 में से 8 विधायक ही इस कार्यक्रम में पहुंचे. इसी तरह से रविवार को प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रम में भी कई नाराज विधायकों ने दूरी बनाई थी. सभी विधायकों के साथ यशपाल आर्य को आज विधानमंडल दल की बैठक भी लेनी थी लेकिन विधायकों के ना पहुंचने की वजह से बैठक को स्थगित करना पड़ा. हालांकि इस मसले पर यशपाल आर्य ने कहा कि कुछ जरूरी कामों की वजह से विधायक नहीं पहुंच पाए मैं कोशिश करूंगा सबको साथ लेकर चलूं.
पिछले कई दिनों से अटकलें हैं कि कांग्रेस के नाराज विधायक कोई फैसला ले सकते हैं. दिलचस्प बात ये है कि जिन नाराज 10 विधायकों के नाम सामने आये हैं उनमें भी एकजुटता नहीं है. पदों के बंटवारे को लेकर सबसे ज्यादा खुलकर अपना नाराजगी धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी और द्वाराहाट से विधायक मदन बिष्ट ही बोल रहे हैं. इन दो विधायकों की नाराजगी अभी तक खुलकर सामने आ चुकी है जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह की कार्यक्रमों से दूरी ये बता रही है कि प्रीतम भी इन पदों के बंटवारे से खुश नहीं हैं. देखना होगा की कांग्रेस में ये रार कहां जाकर थमती है. क्या प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य इनकी नाराजगी दूर कर मजबूत विपक्ष दे पाएंगे.