इंदौर : दो इंच बारिश ने 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, बारिश की वजह से रही ठंडक
इंदौर : इंदौर में भी दो इंच बारिश हुई। 24 घंटे में गहरे समुद्र ने शहर में ठंडक भी दी। नवंबर माह में इससे पहले वर्ष 2010 में बारिश हुई थी। मालवा निमाड़ में जाड़े के दिनों में बारिश को मावठा कहा जाता है। जो बीजी के लिए भी अच्छा बताया जा रहा है।
इंदौर में भारी बारिश के कारण मौसम ठंडा हो गया। दिन का तापमान भी सामान्य से चार डिग्री कम दर्ज किया गया। दिन का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि रात का तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक था. इंदौर में बारिश का दौर रविवार शाम से चला। रात को कुछ एशिया में तेज़ पानी बार। सुबह का मौसम देर से खुला, लेकिन कुछ देशों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। 24 घंटे में दो 24 इंच पानी की बौछारें।
रात गयी बिजली सुबह लौटी
बेमौसम बारिश की वजह से शहर की 35 मूर्तियों में अलग-अलग समय में बिजली गुल हो गई। कई पंक्तियाँ तहरिया गिर पड़ीं तो ख़ैर ख़्वाब ख़राब हो गए। कुछ पूर्वी एशिया में रात को गुलहुई बिजली सुबह लौट आई। पांच सौ सौ कर्मचारी रात भर विद्युत इलेक्ट्रानिक को बहाल करने में जुटे रहे। बिजली गुल होने की तीन हजार से ज्यादा मार्केट्स काल सेंटर पर एंट्री हुई है।
वर्षा रबी की फसल के लिए अमृत
इंदौर जिले और आसपास के क्षेत्रों में हुई वर्षा रबी की फसल के लिए अमृत के समान है। उप विक्रेता कृषि एस.एस. राजपूत ने बताया कि मावठे के रूप में गिराया गया यह पानी के लिए खतरनाक है। जिले में लगभग दो लाख 48 हजार हेक्टेयर में रबी की फसल बोई गयी है। इस वर्ष भी मुख्य रूप से जिलों में चना और आलू की बुआई हुई है। किसानों द्वारा जिले में एक लाख 90 हजार हेक्टेयर रकबे में चना, लगभग 35 हजार हेक्टेयर रकबे में आलू की बोवनी की खेती की जाती है।