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दिल्ली में भारत-पाकिस्तान के सिंधु जल आयुक्तों की बैठक, इस्लामाबाद की चिंताओं पर होगी चर्चा

Deepa Sahu
14 March 2021 4:20 PM GMT
दिल्ली में भारत-पाकिस्तान के सिंधु जल आयुक्तों की बैठक, इस्लामाबाद की चिंताओं पर होगी चर्चा
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भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे अंतराल के बाद एक अहम बैठक

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे अंतराल के बाद एक अहम बैठक होने जा रही है। हालांकि यह भारत की सिंधु जल परियोजना से जुड़ी है। 23 और 24 मार्च को दिल्ली में सिंधु जल आयुक्तों की मुलाकात होगी। इस दौरान चिनाब नदी पर भारत की जलविद्युत परियोजनाओं की डिजाइन पर इस्लामाबाद की चिंताओं सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा होगी।

एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। यह स्थाई सिंधु आयोग की सालाना बैठक होगी। सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत दोनों आयुक्तों को वर्ष में कम से कम एक बार क्रमवार तरीके से भारत और पाकिस्तान के बीच मुलाकात करना होती है।
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार चर्चा
भारत के सिंधु आयुक्त पी के सक्सेना ने बताया कि यह बैठक 23 और 24 मार्च को नई दिल्ली में होगी। यह बैठक जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने और राज्य को दो केन्द्र शासित क्षेत्रों -लद्दाख और जम्मू कश्मीर में विभाजित किए जाने के बाद पहली बार आयोजित हो रही है। इसके बाद से भारत ने लद्दाख में कई जलविद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
भारत ने इन परियोजनाओं को दी मंजूरी
इनमें लेह के लिए दुर्बुक श्योक (19 मेगावॉट),शांकू (18.5 मेगावॉट),निमू चिलिंग (24 मेगावॉट),रोंगडू (12 मेगावॉट), रतन नाग (10.5 मेगावॉट) वहीं करगिल के लिए मंगदुम संग्रा (19 मेगावॉट), करगिल हुंदेरमन (25 मेगावॉट) और तमाशा (12 मेगावॉट) परियोजनाएं शामिल हैं।
डिजाइन पर इस्लामाबाद को है चिंता
भारत ने पाकिस्तान को इन परियोजनाओं के बारे में जानकारी दे दी है और माना जा रहा है कि बैठक के दौरान इन पर चर्चा हो सकती है। सक्सेना ने बताया कि चिनाब नदी पर भारत की जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन पर इस्लामाबाद की चिंताओं पर बातचीत की जाएगी।
2020 में कोरोना के कारण नहीं हुई बैठक
इससे पहले यह बैठक मार्च 2020 में होनी थी लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इसे रद्द कर दिया गया था। संधि पर हस्ताक्षर के बाद यह पहली बार है जब बैठक को रद्द किया गया था।
भारत ने जुलाई 2020 में पाकिस्तान को सिंधु जल संधि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए डिजिटल माध्यम से बैठक का प्रस्ताव दिया था, लेकिन पाकिस्तान अटारी सीमा चौकी पर ही बैठक करने पर अड़ा हुआ था। सक्सेना ने कहा कि स्थिति में सुधार के बाद यह बैठक आयोजित की जा रही है , इसमें कोविड संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
1960 में हुई थी सिंधु जल संधि
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी। इस समझौते के प्रावधानों के अनुसार पूर्वी नदियों- व्यास, रावी और सतलुज के जल पर भारत का, तथा पश्चिमी नदियों- सिंधु, चिनाब और झेलम के जल पर पाकिस्तान का अधिकार है।


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