दिल्ली: भारत को जल्द ही स्वदेशी तेजस मार्क टू (Tejas Mk 2) विमान मिलने वाला है। पिछले दिनों अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी ने फाइटर जेट के इंजन को लेकर समझौता किया।
इस समझौते के तहत अमेरिकी कपंनी जनरल इलेक्ट्रिक अपने f414 इंजन को भारत में ही तैयार करेगी। बता दें, अमेरिका इसके लिए भारत की सरकारी कंपनी HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) के साथ समझौता करेगा। दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते से तेजस मार्क-2 विमान के भारत में मैन्युफैक्चरिंग का रास्ता खुलेगा।
2025 में 'भारत का तेजस' उड़ान भरेगा
जनरल इलेक्ट्रिक का f414 इंजन मिलने के बाद पहला तेजस एमके 2 विमान साल 2025 में उड़ान भरेगा। इसकी जानकारी HAL की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) में एवियोनिक्स और हथियार प्रणालियों के निदेशक प्रभुल्ला चंद्रन (प्रभुल्ला चंद्रन) ने चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान दी।
क्या होगी खासियत
जनरल इलेक्ट्रिक का एफ414 इंजन लगने के बाद तेजस मार्क टू विमान और अधिक शक्तिशाली हो जाएगा।
यह तेजस एमके 1 की तुलना में बड़ा और भारी होगा।
तेजस एमके 2 केवल एक ही इंजन वाला विमान होगा।
निदेशक प्रभुल्ला चंद्रन ने दावा किया है कि, तेजस एमके 2 विमान राफेल से भी बेहतर होगा।
इसके इंजन के लिए पहले फ्रांस और ब्रिटिश रोल्स रॉयस इंजन को विमान में लगाने पर विचार किया जा रहा था।
निदेशक प्रभुल्ला चंद्रन के मुताबिक, लगभग 200 तेजस एमके 2 विमानों का निर्माण किया जाएगा।
भारत में इंजन बनाए जाने के बाद तेजस एमके 2 में लगने वाला 90 फीसदी पार्ट भारत में बना होगा।
विमान में लगने वाले अत्याधुनिक रडार, हथियार और अन्य सिस्टम स्वदेशी होंगे।
विमान के लिए इजेक्शन सीट और कुछ सेंसर दूसरे देशों के लिए खरीदे जाएंगे।
17.5 टन होगा इसका वजन
स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके 2 का निर्माण एचएएल (HAL) द्वारा किया जाएगा और इसका प्रोडक्शन 2025-2026 तक पूरा हो जाएगा। आपको बता दें कि तेजस मार्क 2 का वजन मिराज, जगुआर और ग्रिपेन के समान होगा, यानी इसका वजन 17.5 टन होगा।
इस विमान में भारी स्टैंड-ऑफ हथियार की क्षमता होगी। उन्नत एईएसए रडार के साथ-साथ इस विमान में हवा से हवा (Air to Air) में मार करने वाली 'अस्त्र' मिसाइल होगी। यह स्वदेशी तकनीकी (Indigenous Technology) से तैयार पूरी तरह से भारतीय मिसाइल है।