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विकास के अस्त्र से चीन के मुकाबले और मजबूत हुई भारत की स्थिति, LAC पर 12 सड़कों का हुआ उद्धाटन

Tulsi Rao
17 Jun 2021 6:34 PM GMT
विकास के अस्त्र से चीन के मुकाबले और मजबूत हुई भारत की स्थिति, LAC पर 12 सड़कों का हुआ उद्धाटन
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India's position has become stronger than China with the weapon of development, 12 roads were inaugurated on LAC

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत (India) ने आज चीन को एक और युद्ध में पटखनी दे दी. ये युद्ध विनाशक हथियारों से नहीं बल्कि विकास के अस्त्र से लड़ा जा रहा है. दरअसल ये लड़ाई है सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर की और इसी सिलसिले में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने LAC पर 12 सड़कों का उद्धाटन किया.

ये सड़क परियोजनाएं BRO यानी सीमा सड़क संगठन के द्वारा बनाई गई हैं. दरअसल आज जिन सड़कों का उद्धाटन किया गया वो काफी सामरिक महत्व रखती हैं क्योंकि इससे कई देशों की सीमाएं लगती हैं. लेकिन इनमें से 10 सड़कें अरुणाचल प्रदेश में हैं जिनकी सीमा चीन से लगती है और अब यहां भारत की स्थिति मजबूत हुई है.

देश के सीमावर्ती राज्यों में इस समय कुल 272 सड़कों पर काम जारी है जिनमें LAC से सटे सीमावर्ती इलाको में सबसे ज्यादा रोड तैयार की जा रही है.
अरुणाचल प्रदेश में 54 रोड पर काम जारी है. जम्मू कश्मीर में 61 सड़कें बनाई जा रही हैं और लद्दाख में 43 सडकों पर काम चल रहा है. अब इनमें से कुछ अहम सड़कों के बारे में बताते हैं.
हिमाचल प्रदेश के दारचा से लद्दाख तक जाने के लिए 290 किमी लंबी सड़क तेजी से बनाई जा रही है. सीमा सड़क संगठन यानी BRO एक और रणनीतिक रूप से अहम सामरिक सड़क बना रहा है जो लद्दाख को देपसांग के मैदान से जोड़ेगी. ये सड़क लद्दाख में सब सेक्टर नॉर्थ तक पहुंच भी आसान बनाएगी.

पैंगोंग झील के पास फिंगर इलाके में भी बन रही सड़क
भारत पैंगोंग झील के पास फिंगर इलाके में भी सड़क बना रहा है.ये भारतीय सेना के लिए काफी अहम है क्योंकि इस इलाके में भारतीय सेना पेट्रोलिंग करती रही है. इसके अलावा दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड को जोड़ने वाली सड़क भी तेजी से बनाई जा रही है.
भारत ने जोजिला पास जैसे दुर्गम और दुरूह इलाके में भी सड़क निर्माण किया है. वही उमलिंग ला, मारस्मिक ला और खारदुंग ला जैसे रुट भी सैन्य मूवमेंट के लिए सालों भर खोले गए हैं.

इन इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण ही चीन और पाकिस्तान से तनाव चरम पर होने के बावजूद फारवर्ड एरिया में सैन्य साजो सामान की सप्लाई हाड़ कंपा देने वाली सर्दी और खून जमा देने वाली बर्फबारी में भी जारी रही और अब भारत इस तैयारी में भी चीन के मुकाबले काफी आगे निकलता दिख रहा है.
पाकिस्तान से लगते भारतीय इलाको में भी सडकों का जाल
वहीं पाकिस्तान से लगते भारतीय इलाको में भी सडकों का जाल बिछाया जा रहा है. LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर के इलांके जिसमें जम्मू कश्मीर में 61, पंजाब में 6, राजस्थान में 23 सड़कें तैयार की जा रही हैं. उत्तर पूर्व के राज्यों में जिनकी सीमा म्यांमार और बांग्लादेश से लगती है वहां भी सड़क निर्माण का काम जोरों पर है.

पश्चिम बंगाल में 3, मिज़ोरम में 8, मणिपुर में 9, नागालैंड में 2 और अंडमान निकोबार में भी 1 सड़क का काम जारी है. इसके अलावा लेह-मनाली रूट पर 3 पास और 3 टनल बनाए जाने है जिसमें बारलाचाला पास जिसकी उंचाई 16040 फ़ुट , लाचुंगला पास 16800 फ़ुट और थांगला ला पास जिसकी उंचाई 17480 फ़ीट है.
इन सडको में ज़्यादातर ऑल वेदर रोड है जो की हर मौसम में सेना और आम लोगों के इस्तेमाल में लाई जाएगी.इन सडकों को बनाते हुए इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि भारतीय सेना के भारी भरकम साजों-सामान कम से समय में बार्डर तक पहुंचाए जा सकें.

पश्चिमी सीमा पर चीन की तैयारी
अब बात पश्चिमी सीमा पर चीन की तैयारी करते हैं कि कैसे वो सामरिक रूप से अपनी स्थिति को मजबूत करने की साजिश में लगा है. बताया जा रहा है कि चीन LAC की पश्चिमी सीमा पर एक बार हवाई ताकत को बढ़ाने में जुट गया है. घातक मिसाइलों से लेकर परमाणु बॉम्बर्स तक को भारतीय सीमा के पास अपने हवाई ठिकानों पर तैनात कर चुका है. ये खुलासा अमेरिकी डिफेंस वेबसाइट द ड्राइव ने किया है.
अमेरिकी डिफेंस वेबसाइट इसके लिए सैटेलाइट इमेज का हवाला दिया है. सैटलाइट तस्वीरों के मुताबिक चीन अक्साई चिन से लेकर अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक नए ठिकाने, हेलिपोर्ट और रेल लाइन बना रहा है.

अमेरिकी डिफेंस वेबसाइट द ड्राइव ने तिब्बत की लोकेशन की एक तस्वीर भी छापी है, जिसमें चीन का J-16 फाइटर प्लेन दिख रहा है. बताया ये भी जा रहा है कि कि चीन पश्चिमी सीमा पर तिब्बत और शिंजियांग प्रांत में सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को बहुत तेजी से बढ़ा रहा है.
टीवी 9 भारतवर्ष के सूत्रों को जानकारी मिली है कि ड्रैगन आर्मी बॉर्डर के पास तेज़ी से अपने हवाई इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है.
बताया जाता है कि अगले साल यानी 2022 तक तिब्बत के शिनजियांग के तश्करगां में चीन का एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा. चीन यहां फ़ाइटर एयरक्राफ्ट के लिए हैंगर तैयार कर रहा है. हाल ही में इस एयसपोर्ट पर फाइटर एयरक्राफ्ट का ट्रायल किया है. चीन ने इस एयरपोर्ट पर अपने J-20 फाइटर जेट और Y-20 एयरक्राफ्ट को लैंड कराया.
चीन ने नए मिशन के तहत शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट को लड़ाकू विमान, तोप, टैंक, रॉकेट लॉन्चर जैसे घातक हथियारों से भी भर दिया है. गलवान में सैन्य संघर्ष के बाद शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट को तेज़ी से अपग्रेड किया है. इसके अलावा बर्फ पिघलते ही चीन अपने आधुनिक हथियार लद्दाख के पास एक बार फिर जुटा रहा है.


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