भारत
अफगानिस्तान मुद्दे को लेकर भारत के चीन और रूस के साथ मतभेद, UNSC के प्रस्ताव पर बटी राय
Renuka Sahu
24 Dec 2021 2:43 AM GMT
x
फाइल फोटो
अफगानिस्तान को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के संबंध में एक प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चर्चा हुई.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के संबंध में एक प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चर्चा हुई. इस दौरान सदस्यों के बीच मतभेद सामने आए. UNSC के प्रस्ताव के तहत यह सुनिश्चित किया जाना था कि अफगानिस्तान को मिलने वाली मानवीय सहायता के रास्ते में प्रतिबंध न आएं. एक ओर चीन और रूस ने प्रस्ताव का विरोध किया. वहीं, भारत और फ्रांस इसके समर्थन में आए हैं.
चीन और रूस ने सख्त निगरानी और प्रतिबंधों से छूट में कम समय सीमा का विरोध किया है. भारत ने प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया, क्योंकि इसमें 12 महीनों में समीक्षा का प्रावधान था. भारतीय राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने परिषद से निगरानी करने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फंड का गलत तरह से इस्तेमाल न हो सके. खबर है कि ब्रिटेन और एस्टोनिया ने भी नए प्रस्ताव का समर्थन किया है.
भारत सरकार ने अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेंहू और दवाएं पहुंचाई हैं. हालांकि, भारत यह भी लगातार कह रहा है कि काबुल में जारी शासन में वैधता की कमी है. भारत के लिए यह जरूरी है कि तालिबान यह सुनिश्चित करे कि वह Let और JeM जैसे पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों से अपने संबंध तोड़ दे. कई देशों ने इस बात पर चिंता जताई है कि अनियंत्रित सहायता तालिबान को सशक्त कर सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग को समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका ने समय सीमा को लेकर चीन की आपत्ति को जारी रखा है. छूट के एक साल बाद समीक्षा प्रक्रिया अहम है. खास बात है कि यह अपने आप मानवीय छूट को खत्म नहीं करती, लेकिन छूट को खत्म करने और फिलहाल हटाई गईं पाबंदियों को दोबारा लागू करने के लिए प्रस्ताव की जरूरत होगी.
Next Story