
रूस ने यूक्रेन पर भारतीय समय अनुसार सुबह 8.30 बजे हमला कर दिया। यह हमले खारकिव शहर के पास हुए। हालांकि भारतीय समयाअनुसार करीब 11 बजे ये हमलें बंद हो गए। इन हमलों से भारतीय छात्र सहम गए है। वे घरों के अंदर दुबके हुए हैं। कई भारतीय छात्र कीव एयरपोर्ट पर फंसे चुके हैं। हमले के भय से अलग-अलग फ्लैट्स में रह रहे भारतीय इक्ट्ठा हो रहे हैं और वे अब एक साथ ही रहेंगे। यूपी के लखनऊ निवासी सक्षम ने बताया कि वे इस समय एक रूम में 6 भारतीयों के साथ हैं। यूपी से शाहरूख हुसैन, फरीदाबाद से अरबाज खान, अंकित शर्मा, पंजाब से हर्षित बंसल भी उनके साथ हैं। सक्षम ने बताया कि यमुनानगर की जागृति हॉस्टल में है। सक्षम ने बताया कि सुबह उनके घर के सामने 50 कारें खड़ी थीं, परंतु अब भारतीयों की करीब 5-6 कारें ही हैं।
भारतीय स्टूडेंट्स भी जा रहे हैं। स्थानीय लोग भी शहर से बाहर जा रहे हैं। हालांकि वे खुद शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर क्षेत्र में हैं। सक्षम ने बताया कि वीएन काराजिन खारकिव नैशनल यूनिवर्सिटी में करीब 4 से 5 हजार भारतीय छात्र पढ़ते हैं। परंतु अब केवल 2 से ढाई हजार स्टूडेंट्स ही वहां पर हैं। कुछ मेट्रो स्टेशन पर फंसे हुए हैं। उनके दो किलोमीटर के दायरे में 50 इंडियन स्टूडेंट्स हैं। सक्षम ने बताया कि कुछ उनके साथी कीव एयरपोर्ट पर फंस गए हैं। बमबारी के बाद बसों में उन्हें कहीं दूसरे स्थान पर लेकर जाया गया है। उन्हें कहा ले जाया जा रहा है। इस बात की कोई सूचना नहीं है। सक्षम ने बताया कि हमलों के बाद इंडिया जाने के लिए फ्लाइट की टिकट एक लाख से बढ़कर तीन लाख रुपये हो गई है। यूक्रेन में फंसे बिलासपुर के छात्र अभिषेक भगत सहित उसके दोस्त अब दहशत में आ गए हैं। उसने बताया कि गुरुवार को तड़के तीन से चार धमाकों की आवाज अब भी कानों में गूंज रहे हैं। इस हालात को देखकर लगता है कि अब हम यहां फंस गए हैं। एक मार्च को भारत आने के लिए उसने फ्लाइट की टिकट बुक कराई है। पर अब फ्लाइटें कैंसिल कर दी गई है। हालात ऐसी है कि अब उन्हें हॉस्टल से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा है। उन्हें वापस लाने के लिए अब सरकार को प्रयास करना चाहिए।
बदली हुई परिस्थितियों में स्टूडेंट्स तक बेहतर मदद पहुंचाने की कोशिश में छत्तीसगढ़ के अधिकारी विदेश मंत्रालय पहुंच गए हैं। नोडल अधिकारी गणेश मिश्रा ने बताया, वे कंट्रोल रूम पहुंच रहे हैं। यहां अधिकारियों से यह जानने की कोशिश होगी कि कीव स्थित भारतीय दूतावास की कैसी भूमिका होनी है। विदेश मंत्रालय मदद के लिए जो योजना बनाएगा उसके साथ समन्वय किया जाएगा।