भारत

यूक्रेन से वापस लौटे भारतीय स्टूडेंट्स गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स बेस पर

Teja
4 March 2022 1:04 PM GMT
यूक्रेन से वापस लौटे भारतीय स्टूडेंट्स गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स बेस पर
x
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग (Ukraine Russia War) के बीच भारत लौट रहे मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई कैसे पूरी होगी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग (Ukraine Russia War) के बीच भारत लौट रहे मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई कैसे पूरी होगी? अगर वे वापस यूक्रेन की यूनिवर्सिटी में नहीं लौट पाए, तो उन्हें डिग्री कैसे और कहां से मिलेगी? क्या इन्हें भारत के किसी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल पाएगा? इस मामले में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) और नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) के प्रावधान क्या हैं? भारत सरकार इन स्टूडेंट्स के लिए क्या प्लान कर रही है? इस संबंध में आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी है. पढ़िए लेटेस्ट अपडेट…

फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट (FMG) को लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के नियम काफी सख्त हैं. अभी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो विदेश में पढ़ रहे मेडिकल स्टूडेंट्स को भारत आकर पढ़ाई पूरी करने की छूट देता हो. यहां तक कि किसी और देश या यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस पूरा करने पर भी समस्याएं हैं. लेकिन मौजूदा हालात में क्या भारत सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय नियमों में कुछ ढील देगा?
नियमों में मिल सकती है ढील
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 'मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) और नेशनल मेडिकल कमीशन फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिंग (FMG Licence) के नियमों में छूट देने की संभावनाएं तालश रहा है. यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स भारत या किसी और देश में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से कोर्स पूरा कर सकते हैं या नहीं, इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है.'
सूत्रों ने बताया है कि एनएमसी, हेल्थ मिनिस्ट्री, विदेश मंत्रालय (MEA) और नीति आयोग (NITI Aayog) के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही इस मामले पर एक समीक्षा बैठक करने वाले हैं. मानवीय आधार और मौजूदा हालात में संवेदनशीलता दिखाते हुए विकल्प तलाशे जा रहे हैं.
अभी क्या हैं नियम
वर्तमान में नेशनल मेडिकल कमीशन के फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंस रेगुलेशन के अनुसार भारत के बाहर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए पूरा कोर्स, ट्रेनिंग और इंटर्नशिप एक ही संस्थान से करना अनिवार्य है. कोर्स तो दूर, ये स्टूडेंट्स मेडिकल इंटर्नशिप ट्रेनिंग भी भारत या किसी और देश से नहीं कर सकते हैं.
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि 'फिलहाल ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसके तहत विदेश में पढ़ाई कर रहे मेडिकल स्टूडेंट्स को कोर्स के बीच में भारत के किसी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिया जाए. हालांकि असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, संवेदनशीलता के साथ फैसले लिए जाएंगे. इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय और एनएमसी में चर्चा शुरू हो चुकी है.


Next Story