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भारतीय रेलवे: 2021-22 के शुरुआती नौ महीनों में 35 हजार से अधिक ट्रेनें हुई थीं रद्द, RTI में सामने आई जानकारी

Kunti Dhruw
23 Jan 2022 1:22 PM GMT
भारतीय रेलवे: 2021-22 के शुरुआती नौ महीनों में 35 हजार से अधिक ट्रेनें हुई थीं रद्द, RTI में सामने आई जानकारी
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वित्त वर्ष 2021-22 के शुरुआती नौ महीनों के दौरान रखरखाव के काम की वजह से 35 हजार से अधिक ट्रेनों को रद्द किया गया था।

वित्त वर्ष 2021-22 के शुरुआती नौ महीनों के दौरान रखरखाव के काम की वजह से 35 हजार से अधिक ट्रेनों को रद्द किया गया था। भारतीय रेलवे ने यह जानकारी आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी है। रेलवे ने यह भी बताया है कि 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान रखरखाव के कारणों से 20,941 ट्रेनें रद्द की गईं। वहीं, दूसरी तिमाही में यह संख्या 7117 और तीसरी तिमाही में 6869 रही। यह आरटीआई मध्यप्रदेश के चंद्र शेखर गौर ने दाखिल की थी।

अधिकारियों ने बताया कि हाल के इतिहास में रद्द की गई ट्रेनों की संख्या साल 2019 में सबसे ज्यादा रही थी। तब रखरखाव के काम के कारण करीब 3146 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार साल 2014 में रखरखाव के काम की वजह से 101 ट्रेनें रद्द की गई थीं। वहीं, 2017 में आंकड़ा 829, 2018 में 2867 और 2019 में 3146 रहा था। एक अधिकारी ने कहा कि यह आंकड़े बताते है कि काफी समय से लंबित घिसे-पिटे ट्रैक पर अभी कितना अधिक काम किया जाना है।
40 हजार से अधिक ट्रेनें लेटलतीफी का शिकार
आरटीआई में यह जानकारी भी सामने आई है कि इस अवधि के दौरान 40 हजार से अधिक ट्रेनें अपने निर्धारित समय से विलंब से पहुंचीं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के दौरान जब रखरखाव कारणों के चलते लगभग 35,026 ट्रेनें रद्द हुई थीं, तब कितने यात्री इससे प्रभावित हुए थे। साल 2020 के दौरान अधिकांश समय तक कोरोना वायरस महामारी के चलते रेलवे ने अपनी सामान्य यात्री सेवाएं रद्द कर दी थीं और इस दौरान केवल विशेष ट्रेनों का संचालन किया था।
बड़ी संख्या में ट्रेनों का परिचालन विलंब से हुआ
आरटीआई के जवाब में रेलवे ने बताया कि 2021 में अप्रैल से दिसंबर के बीच 15,199 मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन देरी से हुआ। वहीं, 26,284 यात्री ट्रेनें विलंब से चलीं। इस तरह देरी से चलने वाली कुल ट्रेनों की संख्या 41,483 रही। इसमें यह भी सामने आया है कि पिछले साल नवंबर में यात्री सेवाओं की फिर से शुरुआत होने के बाद रेलवे की समय संबंधित प्रदर्शन में गिरावट आई है। अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान 15,334 यात्री ट्रेनों का संचालन विभिन्न कारणों के चलते देरी से हुआ था।
कई परियोजनाएं पूरी करने की राह पर है रेलवे
रेल मंत्रालय के अनुसार रेलवे अगले कुछ वर्षों में एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की 58 सुपर क्रिटिकल और 68 क्रिटिकल परियोजनाओं को पूरा करने की राह पर है। 1044 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली 29 सुपर क्रिटिकल परियोजनाओं को पिछले एक साल में अनुमति दी गई है। इन परियोनाओं पर कुल लागत 11,588 करोड़ रुपये है। इन 29 में से 27 परियोजनाओं को दिसंबर 2021 से पहले पूरा हो जाना था और बाकी दो परियोजनाओं के पूरे होने का समय मार्च 2022 तय किया गया था।


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