x
नई दिल्ली | भारतीय नौसेना (Indian Navy) ऐसे स्वदेशी ड्रोन्स उतारने वाली है, जो दुश्मन को पानी के अंदर ही खोजकर उन्हें तबाह कर देंगे. ऐसे ड्रोन्स को अंडरवाटर स्वार्म ड्रोन (Underwater Swarm Drones) कहते हैं. इनके अलावा ऑटोनॉमस वेपनाइज्ड बोट स्वार्म, ब्लू-ग्रीन लेजर्स, मल्टीपल फायर फाइटिंग सिस्टम और छोटे ड्रोन्स भी नौसेना में शामिल होने वाले हैं.
नौसेना के उच्च पदस्थ अधिकारी के अनुसार इंडियन नेवी में 75 नई तकनीक शामिल होने वाली है. ये सभी स्वदेशी हैं. मारक, सटीक और घातक हैं. इन तकनीकों की पहचान नौसेना ने की. उसके बाद निजी कंपनियों से इन्हें बनाने के लिए कहा. यानी ऐसी कंपनियां जो MSME में आती हैं. नौसेना आत्मनिर्भर भारत के तहत 2030 तक पूरी तरह स्वदेशी होना चाहती है.
इसका एक प्रोग्राम चल रहा है, जिसे स्वालंबन 2023 कहते हैं. इसका दूसरा सेमिनार 4-5 अक्टूबर को नौसेना भारत मंडपम में करेगी. नौसेना ने एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (AoN) दे दिया है. जिसे रक्षा मंत्रालय ने अप्रूव भी कर दिया है. इन हथियारों के आने से नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.
क्या होते हैं अंडरवाटर स्वार्म ड्रोन्स?
अंडरवाटर स्वार्म ड्रोन्स को 'अनमैन्ड अंडरवाटर व्हीकल' (UUV) भी बुलाते हैं. अंडरवाटर यानी ये पानी के अंदर काम करते हैं. इनमें किसी इंसान को बैठने की जरुरत नहीं होती. इन हथियारों की दो कैटेगरी होती है. पहली रिमोट से चलने वाले अंडरवाटर व्हीकल और दूसरे ऑटोमैटिकली अंडरवाटर व्हीकल. यानी खुद से फैसला लेते हैं.
फिलहाल रिमोटली ऑपरेटेड अंडरवाटर व्हीकल का इस्तेमाल ज्यादा होता है. इसे एक ऑपरेटर कंट्रोल करता है. ये हथियार समुद्र में निगरानी और पेट्रोलिंग के काम आता है. जरूरत पड़ने पर इनसे हमला भी कर सकते हैं. 'अंडरवाटर स्वार्म ड्रोन्स' का वजन कुछ किलो से लेकर कुछ हजार किलोग्राम तक हो सकता है. इनसे हजारों किलोमीटर का सफर तय कर सकते हैं. समुद्र में कई हजार मीटर की गहराई तक जा सकते हैं.
नौसेना का मकसद ऐसे ड्रोन्स का पूरा एक बेड़ा तैनात करना है. इसमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में अंडरवाटर ड्रोन्स होंगे, जो पानी के भीतर पेट्रोलिंग करेंगे. समुद्र के अंदर होने वाली खुफिया गतिविधियों को भी पता भी चलेगा. अमेरिका, चीन समेत कई सारे देश ऐसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
क्यों पड़ी इस तरह के ड्रोन्स की जरूरत?
चीन ड्रोन्स के मामले काफी आगे है. चीनी सेना हिंद महासागर में निगरानी के लिए लंबे समय से अंडरवाटर ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रही है. बड़ी संख्या में ड्रोन्स की तैनाती से चीन को पानी के भीतर ज्यादा बढ़त मिली हुई है. चीन इसके जरिए हिंद महासागर में भारतीय जहाजों की जासूसी भी कर सकता है. इसलिए भारतीय नौसेना भी 'अंडरवाटर स्वार्म ड्रोन्स' का बेड़ा तैनात करने जा रही है. ताकि चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.
Tagsभारतीये नौसेना का अंडरवाटर Swarm ड्रोन दुश्मन की पानी में ही बनाएगा कब्रजानें खासियतIndian Navy's underwater Swarm drone will make the enemy's grave underwaterknow its featuresताज़ा समाचारब्रेकिंग न्यूजजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़हिंदी समाचारआज का समाचारनया समाचारTaza SamacharBreaking NewsJanta Se RishtaJanta Se Rishta NewsLatest NewsHindi NewsToday
Harrison
Next Story