भारत

भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह हो जायेगी आत्मनिर्भर: एडमिरल कुमार

Admin Delhi 1
3 Dec 2022 1:25 PM GMT
भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह हो जायेगी आत्मनिर्भर: एडमिरल कुमार
x

दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने कहा है कि नौसेना वर्ष 2047 तक पूरी तरह आत्मनिर्भर बन जायेगी और उसके बेड़े में शामिल सभी युद्धपोत तथा हथियार स्वदेशी होंगे। एडमिरल हरिकुमार ने नौसेना दिवस से पहले शनिवार को यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध ने यह साबित कर दिया है कि रक्षा क्षेत्र में लंबे समय तक दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। उन्होंने कहा कि नौसेना के पूरी तरह आत्मनिर्भर होने का मतलब है कि 25 वर्ष में नौसेना के बेड़े में सभी युद्धपोत, पनडुब्बी, विमानवाहक पोत और अन्य हथियार देश में ही बनें होंगे और इनके लिए हमें दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी माना कि परस्पर एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में कोई भी सेना अपने आप में पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं रह सकती और उसे किसी न किसी कलपुर्जे या साजो-सामान के लिए दूसरे देश पर निर्भर रहना ही पड़ेगा। आप किफायती और गुणवत्तापूर्ण पुर्जे दूसरे देश से खरीद सकते हैं लेकिन देखने की बात है कि वह पुर्जा कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उनका कहने का अर्थ यह है कि 2047 तक भारत सभी महत्वपूर्ण और जरूरी हथियार तथा प्लेटफार्म खुद बनाने में सक्षम बन जायेगा।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि अभी भारत विभिन्न युद्धपोतों को बनाने की सामग्री और उत्पादों के संदर्भ में करीब 90 प्रतिशत आत्मनिर्भर है जबकि विभिन्न प्लेटफार्म के इंजन बनाने के मामले में हम 60 से 65 प्रतिशत तक आत्मनिर्भर हैं। हथियारों से संबंधित साजो सामान के मामले में भी देश 50 प्रतिशत आत्मनिर्भर है और इस दिशा में कमी को पूरा करने के लिए तेज गति से काम हो रहा है। पनडुब्बी के मामले में भी हम तेज गति से आगे बढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य नौसेना को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस करना, युवा तथा दक्ष बनाना और इसकी क्षमता बढाना है।

हिन्द महासागर क्षेत्र में चीनी नौसैनिकपोतों की मौजूदगी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हर समय चीनी नौसेना के 4 से लेकर 6 तक जलपोत हिन्द महासागर में रहते हैं, उनके मछली पकड़ने वाले पोत और नौका तो हर समय रहते ही हैं । इसके अलावा हिन्द महासागर में करीब 60 जल पोत क्षेत्रीय देशों से इतर ताकतों के रहते हैं। उन्होंने कहा कि नौसेना समुद्री क्षेत्र की सभी गतिविधियों पर कड़ी निगाह रखती है और हमारा मुख्य उद्देश्य देश के समुद्री हितों की रक्षा करना है।

Next Story