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काबुल से भारतीयों को निकलने के लिए Indian Govt, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने US से की चर्चा

Renuka Sahu
20 Aug 2021 4:31 AM GMT
काबुल से भारतीयों को निकलने के लिए Indian Govt, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने US से की चर्चा
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फाइल फोटो 

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत और अमेरिका समेत कई देशों के नागरिक काबुल में फंसे हुए हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत और अमेरिका समेत कई देशों के नागरिक काबुल में फंसे हुए हैं. इस संकट के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन की फोन पर बातचीत हुई है. इस दौरान दोनों नेताओं ने काबुल में फंसे अपने अपने नागरिकों को निकालने के लिए तालमेल पर चर्चा की है. जयशंकर और ब्लिंकन के बीच एक सप्ताह में ये दूसरी बातचीत है.

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बातचीत का ब्यौरा देते हुए एक बयान में कहा, ''ब्लिंकन और जयशंकर ने अफगानिस्तान पर चर्चा की और समन्वय जारी रखने पर सहमति जतायी.'' तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर रविवार को अचानक कब्जा जमा लिया था. 20 साल तक लड़े युद्ध के बाद अमेरिकी सेना के वापस जाने पर हुई तालिबान की इस जीत ने काबुल हवाईअड्डे पर अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया, जहां से अमेरिका और अन्य सहयोगी देश हजारों नागरिकों और सहयोगियों को देश से सुरक्षित बाहर निकलने की कोशिश में हैं.
हमारा ध्यान अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर- जयशंकर
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की अपनी यात्रा के दौरान एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस और अन्य विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें और चर्चाएं की जिनमें खास ध्यान अफगानिस्तान में स्थिति पर दिया गया. जयशंकर ने सुरक्षा परिषद में पत्रकारों से कहा कि भारत अफगानिस्तान में घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रहा है. जयशंकर ने कहा, "इस वक्त हम औरों की ही तरह, बहुत ध्यान से अफगानिस्तान में घटनाक्रमों पर नजर रख रहे हैं. मेरे विचार में हमारा ध्यान अफगानिस्तान में सुरक्षा सुनिश्चित करने और वहां मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर है."
मेक्सिको, पनामा और गुयाना की यात्रा नहीं करेंगे जयशंकर
बता दें कि अफगानिस्तान में जारी घटनाक्रमों के मद्देनजर एस जयशंकर मेक्सिको, पनामा और गुयाना की यात्रा नहीं करेंगे. भारत ने मंगलवार को अपने राजदूत रूद्रेंद्र टंडन और काबुल दूतावास के कर्मचारियों को एक सैन्य परिवहन विमान में वापस देश बुला लिया.


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