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भारतीय महामारी विशेषज्ञों और सामाजिक वैज्ञानिकों ने अधिकारियों से कहा, स्कूलों को फिर से खोलें, बताया यह कारण

Deepa Sahu
7 Sep 2021 4:17 PM GMT
भारतीय महामारी विशेषज्ञों और सामाजिक वैज्ञानिकों ने अधिकारियों से कहा, स्कूलों को फिर से खोलें, बताया यह कारण
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कई शीर्ष भारतीय महामारी विशेषज्ञों और सामाजिक वैज्ञानिकों ने अधिकारियों से सभी आयु समूहों के लिए स्कूल की कक्षाओं को फिर से खोलने का आग्रह किया है।

नई दिल्‍ली, कई शीर्ष भारतीय महामारी विशेषज्ञों और सामाजिक वैज्ञानिकों ने अधिकारियों से सभी आयु समूहों के लिए स्कूल की कक्षाओं को फिर से खोलने का आग्रह किया है। उन्‍होंने कहा कि कि इससे जोखिम के बजाय लाभ अधिक है, खासकर गरीब ग्रामीण बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से गायब हैं। यह सिफारिश तब की गई है, जब विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल भारत में एक और कोरोना लहर कम घातक आ सकती है।

इससे पहले अप्रैल और मई के महीने में कोरोना के मामलों में बड़े पैमाने पर वृद्धि देखने को मिली थी। इसका मतलब यह भी है कि अधिकांश आबादी एक बड़ा तबका पहले ही संक्रमित हो चुका है। इसके बाद आधे से अधिक वयस्कों को टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। भारत में अब तक केवल वयस्कों का ही टीकाकरण किया जा रहा है। चूंकि नए संक्रमण एक दिन में लगभग 40,000 स्थिर हो गए हैं। पिछले कुछ हफ्तों में कुछ राज्यों ने मिडिल और उससे ऊपर के स्‍कूल फिर से शुरू कर दिए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह काफी नहीं है।
समाज विज्ञानियों ने दी रिपोर्ट
सामाजिक विज्ञानी ज्‍यां द्रेज समेत अन्‍य विद्वानों ने एक रिपोर्ट में कहा गया कि स्‍कूल एक आवश्‍यक सेवा है। विद्वानों ने अस्‍पष्‍ट दिखाई देने वाली आपदा के रूप में चेतावनी दी है। रिपोर्ट में कहा गया कि स्‍कूल बंद होने वाले सबसे बाद में और फिर से खोलने वोली पहली संस्‍था हैं। भारत में इसके विपरीत हो रहा है। कोरोना के मामले आने के तुरंत बाद 2020 की शुरुआत में सभी स्‍कूलों को बंद कर दिया गया। उनमें से अधिकांश स्‍कूल अभी भी बंद हैं। इस टिप्‍पणी के बारे में स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालयों ने तुरंत जवाब नहीं दिया। केंद्र सरकार ने स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला राज्यों पर छोड़ दिया है।v


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