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बीजिंग ओलंपिक का बहिष्कार करेंगे भारतीय राजनयिक, चीन को मोदी सरकार ने दिया झटका
jantaserishta.com
3 Feb 2022 11:51 AM GMT
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ANI
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नई दिल्ली: चीन ने गलवान घाटी में भारत के साथ हिंसक झड़प में शामिल रहे एक सैन्य कमांडर को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में मशालवाहक बनाए जाने के बाद भारतीय राजनायिकों ने इसका विरोध किया है.
दरअसल, गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ झड़प में घायल हुए रेजीमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ को चीन ने बीजिंग ओलंपिक ओपनिंग सेरेमनी में मशाल वहाक बनाया था. चीन के इस कदम को गलवान हिंसा का वैश्विक स्तर पर प्रचार करने से जोड़कर देखा जा रहा है.
चीन के इस कदम के बाद यूएनएससी में एक बैठक हुई. इस बैठक में भारत ने भी अपना पक्ष रखा. भारतीय राजनायिकों ने कहा, मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि इस क्षेत्र में और बाहर भारत हमेशा बातचीत के जरिए स्थिरता लाने के लिए शांतिपूर्ण समाधान चाहता है.
सवाल : मिराम तारोन क्या अगवा किया गया था या वो भटक कर चीनी क़ब्ज़े वाले इलाक़े गया और वहाँ PLA ने पकड़ लिया? क्या उसे टार्चर किया गया है?@MEAIndia : हमने इस मुद्दे को चीन के साथ उठाया है। इस मामले को सैन्य चैनलों से हैंडल किया गया है, अत: बाक़ी जानकारी के लिए वे भी उपयुक्त हैं। pic.twitter.com/ykIMkWXhow
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) February 3, 2022
अमेरिका ने इसकी आलोचना करते हुए चीन पर ओलंपिक का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है. फैबाओ को 15 जून, 2020 को गलवानी घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में सिर में चोट लगी थी. चीन ने अपने सरकारी अखबार की रिपोर्ट में फैबाओ को हीरो बताया था.
इस बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, यह वास्तव में खेदजनक है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत इसका विरोध करता है इसलिए डी अफेयर्स ओलंपिक में शामिल नहीं होंगे.
Big Breaking: MEA says India's top diplomat in Beijing will not attend Beijing Winter Olympics opening/ closing; calls PLA regiment commander Qi Fabao being the torchbearer as regretable https://t.co/cFPEjAyFy2 pic.twitter.com/iOgUdTAoeY
— Sidhant Sibal (@sidhant) February 3, 2022
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