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गलवान घाटी में भारतीय सेना ने फहराया तिरंगा, राहुल गांधी ने अब किया ये ट्वीट

jantaserishta.com
5 Jan 2022 6:38 AM GMT
गलवान घाटी में भारतीय सेना ने फहराया तिरंगा, राहुल गांधी ने अब किया ये ट्वीट
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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की गलवान में चीनी झंडे सम्बन्धी टिप्पणी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सेना का मनोबल गिराने वाला बयान बता कर इसकी तीखी आलोचना के एक दिन बाद बुधवार को गलवान में जवानों के तिरंगा फैलाने वाला चित्र जारी कर खुशी जाहिर की और कहा कि ऐसा देख कर उन्हें प्रसन्नता होती है।

गांधी ने बर्फ से ढकी गलवान घाटी में सेना के जवानों द्वारा तिरंगा फहराने की तस्वीर पोस्ट की और कहा कि देश के हर हिस्से में तिरंगा लहराते देखकर उन्हें खुशी होती है। गांधी ने ट्वीट किया, ''भारत की पवित्र भूमि पर हमारा तिरंगा ही फहराता अच्छा लगता है।'' इस टिप्पणी के साथ ही उन्होंने'जय हिंद गालवान'को हैशटैग भी किया है। गौरतलब है कि गांधी ने कल गलवान घाटी में जब चीनी झंडा फहराने की बात कही थी तो भाजपा ने उन्हें आड़े हाथों लिया और उनके इस बयान को सेना का मनोबल गिराने वाला बताया था।
आपको बतां दे कि सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने मंगलवार को नए साल के जश्न के हिस्से के रूप में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में एक बड़ा तिरंगा पकड़े भारतीय सेना के जवानों की तस्वीरें जारी कीं। इसे चीन के सरकारी मीडिया द्वारा जारी उस वीडियो के जवाब में ''जैसे को तैसा'' की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें तीन दिन पहले गलवान घाटी क्षेत्र के पास एक स्थान से चीनी लोगों को नए साल की बधाई भेजने वाले पीएलए सैनिकों का एक कथित वीडियो साझा किया गया था। तस्वीरों को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भी ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, "नव वर्ष 2022 के अवसर पर गलवान घाटी में भारतीय सेना के बहादुर जवान।"
वहीं, कांग्रेस ने चीन द्वारा कथित रूप से गलवान घाटी में अपना झंडा फहराए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जाने के मामले में केंद्र सरकार पर हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि इस मामले पर 'चुप्पी साधकर' नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश की सेना का मनोबल तोड़ रही है। चीनी सरकारी मीडिया की ओर से एक जनवरी को साझा किए गए एक वीडियो में कथित तौर पर चीनी सैनिकों को गलवान घाटी से चीन के लोगों को नए साल का बधाई संदेश भेजते दिखाया गया है जोकि ''एक इंच भी जमीन नहीं देंगे'' का संकल्प लेते सुने जा सकते हैं। भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक जिस जगह नए साल का जश्न मना रहे थे वह गलवान घाटी क्षेत्र के पास चीन की तरफ एक अंदरुनी इलाका है और यह 15 जून को हुए घातक संघर्ष के बाद क्षेत्र में बनाए गए बफर जोन के करीब नहीं है।


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