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रोजगार पैदा करने में मदद करनी चाहिए और आधुनिक समस्याओं को हल करना चाहिए.
अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने अमेरिका के कुछ शीर्ष विश्वविद्यालयों के प्रमुखों के साथ बातचीत की और कहा कि साझा मूल्यों वाले लोकतंत्रों के रूप में, ज्ञान और सूचनाओं का खुला आदान-प्रदान भारत-अमेरिका संबंधों का अभिन्न हिस्सा है. संधू ने 10 अमेरिकी विश्वविद्यालयों के अध्यक्षों के साथ संवाद के बाद एक ट्वीट में कहा, "भारत और अमेरिका साझेदारी के स्तंभ शिक्षा और प्रौद्योगिकी को मजबूत कर रहे हैं."
यहां अमेरिकी दूतावास में हुए कार्यक्रम में कुछ अध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए जबकि कुछ ने डिजिटल तरीके से भाग लिया. उन्होंने कहा, "साझा मूल्यों वाले लोकतंत्रों के रूप में, ज्ञान, सूचना और विचारों का खुला आदान-प्रदान भारत-अमेरिका संबंधों का अभिन्न हिस्सा है. हमारे संबंधों के रणनीतिक स्तंभ को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी को मजबूत करना और नवोन्मेष साझेदारी भी महत्त्वपूर्ण है."
संधू ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों के अध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री दोनों हमारे दोनों देशों के बीच ज्ञान साझेदारी को और मजबूत करने के इच्छुक हैं."बैठक में भाग लेने वालों में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क, बफ़ेलो के सतीश के त्रिपाठी; प्रदीप खोसला (कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो); माइकल राव (वर्जीनिया कॉमनवेल्थ विश्वविद्यालय), प्रो. कुंबले सुब्बास्वामी (मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय, एमहर्स्ट); आशीष वैद्य (नदर्न केंटुकी विश्वविद्यालय), रेणु खटोर (ह्यूस्टन विश्वविद्यालय), वेंकट रेड्डी (कोलोराडो विश्वविद्यालय, कोलोराडो स्प्रिंग्स), मौली अग्रवाल (मिसौरी विश्वविद्यालय, कनसास सिटी), मंटोश दीवान (अपस्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, सुनी) और महेश दास (बोस्टन आर्किटेक्चरल कॉलेज, बोस्टन). वर्तमान में विभिन्न विश्वविद्यालयों के 16 अध्यक्ष भारतीय मूल के हैं.
IIT भुवनेश्वर के नए परिसर का हुआ उद्घाटन
Strengthening Edn & Tech pillars of 🇮🇳🇺🇸 partnership!
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) August 20, 2021
Delighted to interact w/ Presidents of 10 US Universities in a hybrid format. Excited to see the enthusiasm on both sides for deepening the connect
Thanks @Ashutos61, Secy @IndiaDST & Prof. DP Singh @ugc_india for joining pic.twitter.com/ranM1O9vq4
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भुवनेश्वर में एक शैक्षणिक परिसर का उद्घाटन किया और उम्मीद जताई कि अतिरिक्त बुनियादी ढांचा इस प्रमुख संस्थान के छात्रों को अधिक उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने में सक्षम बनाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक चौथी औद्योगिक क्रांति ने दुनिया के लिए व्यापार और विकास के नए मॉडलों के निर्माण को अनिवार्य कर दिया है और आईआईटी भुवनेश्वर को ऐसे आदर्श बनाने चाहिए, रोजगार पैदा करने में मदद करनी चाहिए और आधुनिक समस्याओं को हल करना चाहिए.
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