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भारत आज करेगा राफेल जेट के समुद्री वर्जन का परीक्षण, कई मायनों में है खास वजह
jantaserishta.com
7 Jan 2022 8:10 AM GMT
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नई दिल्ली: भारतीय एयर फोर्स की ताकत में इजाफा करने के बाद अब राफेल विमान नेवी की शक्ति में भी इजाफा करने वाला है. दरअसल, भारतीय नेवी के लड़ाकू विमान सौदे पर नजर बनाए फ्रांस ने एक राफेल समुद्री लड़ाकू विमान को गुरुवार को गोवा भेजा है. यहां यह विमान अपनी लड़ाकू क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा. दरअसल, भारतीय नेवी आईएसी विक्रांत के लिए लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रहा है. माना जा रहा है कि अगस्त तक नेवी में शामिल किया जा सकता है.
इस मामले में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि राफेल विमान के नेवी वर्जन का गोवा में परीक्षण शुरू हो गया है. नेवी ने 2017 में विमानवाहक पोत के लिए 57 मल्टी रोल कॉम्बेट एयरक्रॉफ्ट खरीदने के लिए रिक्वेस्ट फॉर इंफोर्मेशन (RFI) जारी किया था.
इस डील के लिए चार विमान प्रतिस्पर्धा में हैं. इनमें फ्रांस का राफेल, अमेरिका का बोइंग F-18 सुपर हॉर्नेट, रूस का मिग 29 K, स्वीडन का ग्रिपेन शामिल हैं. F-18 और ग्रिपेन सिंगल इंजन वाला विमान है. जबकि राफेल और मिग 29K दो इंजन वाले विमान हैं. आने वाले महीनों में इन कंपनियों के विमान भी भारत में आकर प्रदर्शन दिखाएंगे.
खास बात ये है कि सरकार की इन विमानों को भारत में बनाने की योजना है. RFI में यह जानकारी मांगी गई है कि क्या ये कंपनियां ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी और रिपेयर संबंधी तकनीक भारत के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं. या नहीं.
भारत सरकार ने फ्रांस से खरीदे राफेल
खास बात ये है कि भारत सरकार ने वायुसेना के लिए 36 राफेल खरीदने के लिए फ्रांस से सौदा किया है. सितंबर 2016 में हुए 59000 करोड़ के इस सौदे के तहत भारत को 36 राफेल मिलना हैं. भारत में जुलाई 2020 में 5 राफेल का पहला बेच आया था. अभी तक भारत को इस सौदे के तहत 33 राफेल मिल चुके हैं. अपनी पिछली भारत यात्रा के दौरान फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने संकेत दिया था कि फ्रांस समुद्री लड़ाकू विमान सौदे का इच्छुक है.
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