चीन के साथ 14 अगस्त को उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के अगले चरण में भारत पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को शीघ्र पीछे हटाने पर जोर देगा। कुछ खास स्थानों पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बरकरार है।
करीब चार महीने बाद वार्ता
हालांकि, दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक एवं सैन्य वार्ताओं के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। क्षेत्र में तनाव घटाने के लिए कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की वार्ता पिछली वार्ता के करीब चार महीने बाद हो रही है।
सूत्रों ने बताया कि वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने की मांग करने करने वाला है। सैन्य वार्ता के 18वें चरण में भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान के लिए दबाव बनाया था।
23 अप्रैल को हुई थी पिछली बैठक
यह वार्ता 23 अप्रैल को हुई थी। अगले दौर की वार्ता सीमा पर भारत की ओर स्थित चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर होने वाली है। वार्ता में लेह मुख्यालय वाली 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली के भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की उम्मीद है। चीनी टीम का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के कमांडर द्वारा किए जाने की संभावना है।
पिछले महीने विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले साल जी-20 के बाली शिखर सम्मेलन में रात्रिभोज के दौरान द्विपक्षीय संबंध स्थिर करने की जरूरत पर बल दिया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पांच देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के समूह ब्रिक्स की जोहानिसबर्ग में 24 जुलाई को हुई बैठक से इतर शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी से मुलाकात की थी।