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2030 तक दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश होगा भारत, अमेरिकी राजदूत ने गिनाई इसकी कई वजहें

Renuka Sahu
3 Aug 2021 5:34 AM GMT
2030 तक दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश होगा भारत, अमेरिकी राजदूत ने गिनाई इसकी कई वजहें
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फाइल फोटो 

अमेरिका के पूर्व शीर्ष राजनयिक ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र एक साथ बहुत कुछ कर सकते हैं. रिचर्ड वर्मा ने कहा, 'मैं अगर 2030 को देखता हूं तो मुझे एक ऐसा भारत दिखाई देता है जो लगभग हर वर्ग में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है.'

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत को एक बार फिर विश्व गुरू बनाने की कोशिशें जारी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी कह चुके हैं कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए देश में एक साथ कई दिशाओं में काम हो रहा है. भारत की कोशिशें रंग ला रही है. अंतरिक्ष से लेकर विशाल महासागरों तक हुई मजबूत पैठ के चलते दुनिया में भारत का डंका बज रहा है. आज कोई भी देश भारत की अनदेखी नहीं कर सकता. इस बात पर पूर्व अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा (Richard Verma) ने अपनी मुहर लगाई है.

'2030 तक सर्वश्रेष्ठ भारत'
अमेरिका के पूर्व शीर्ष राजनयिक ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र एक साथ बहुत कुछ कर सकते हैं. रिचर्ड वर्मा ने कहा, 'मैं अगर 2030 को देखता हूं तो मुझे एक ऐसा भारत दिखाई देता है जो लगभग हर वर्ग में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है.'
उन्होंने ये भी कहा, ' बड़ी आबादी, सबसे ज्यादा ग्रेजुएट, सबसे बड़ा मिडिल क्लास, सबसे अधिक सेल फोन और इंटरनेट यूजर्स, तीसरी सबसे बड़ी सैन्य ताकत और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ भारत दुनिया को नई दिशा दिखा सकता है. क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में 25 साल से कम उम्र के 60 करोड़ लोग हैं. जो एक बड़ी ताकत है'
इस रफ्तार से आगे बढ़ रहा देश
रिचर्ड वर्मा ने कहा आज भारत बड़े पैमाने पर हो रहे विकास के मामले में शीर्ष पर है. अगले दशक में बुनियादी ढांचे के विकास पर करीब 2 ट्रिलियन डॉलर खर्च किए जाएंगे. 2030 के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का बड़ा हिस्सा बनाया जाना बाकी है. इसलिए आज अकेले करीब 100 नए हवाईअड्डों की योजना बनाई जा रही है या निर्माण किया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा, 'यही कारण है कि मैं आप सभी के लिए बहुत उत्साहित हूं. आपकी उंगलियों पर दुनिया है. अगले दशक में दुनिया के हर अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में एक अग्रणी सीट भारत की होगी.'


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