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मुक्त व्यापार समझौते पर भारत-UAE ने किए हस्ताक्षर, 5 सालों में दोगुना होकर 100 अरब डॉलर होने की उम्मीद

Kunti Dhruw
18 Feb 2022 6:23 PM GMT
मुक्त व्यापार समझौते पर भारत-UAE ने किए हस्ताक्षर, 5 सालों में दोगुना होकर 100 अरब डॉलर होने की उम्मीद
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भारत और संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) ने कारोबारी संबंधों को मजबूत बनाने के लिए शुक्रवार को समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता पर हस्ताक्षर किए तथा आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए भविष्य का खाका पेश किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और अबू धाबी के युवराज एवं यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान (Sheikh Mohammed bin Zayed Al Nahyan) के बीच डिजिटल माध्यम से हुई बैठक के बाद ये समझौता हुआ. कारोबारी समझौते पर भारत की ओर से वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के आर्थिक मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी ने हस्ताक्षर किए.

डिजिटल माध्यम से हुई बैठक में मोदी और अल नाहयान ने संयुक्त दृष्टि पत्र जारी किया जिसका शीर्षक 'भारत और यूएई समग्र सामरिक गठजोड़ में प्रगति: नए मोर्चे, नया मील का पत्थर' है. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ये बयान भारत और यूएई के बीच भविष्योन्मुखी गठजोड़ का खाका तैयार करता है और प्रमुख क्षेत्रों एवं परिणामों की पहचान करता है. इसमें कहा गया है कि सीईपीए विस्तारित बाजार पहुंच और कम शुल्क सहित दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार के लिए काफी सहायक होगा.


ऐसी उम्मीद की जाती है कि सीईपीए से अगले पांच वर्षो में द्विपक्षीय कारोबार वर्तमान 60 अरब डालर से बढ़कर 100 अरब डालर हो सकता है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे बहुत प्रसन्नता है कि दोनों देश आज समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. ये उल्लेखनीय है कि इतने महत्वपूर्ण समझौते पर हम तीन महीने से भी कम समय में बातचीत संपन्न कर पाए. सामान्य तौर पर इस प्रकार के समझौते के लिए वर्षों लग जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये समझौता दोनों देशों की गहरी मित्रता, साझा दृष्टिकोण और विश्वास को दर्शाता है. मुझे विश्वास है कि इससे हमारे आर्थिक संबंधों में एक नया युग आरंभ होगा.

'अमीरात की कई कंपनियों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश करने में रूचि दिखाई'

पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि इससे दोनों देशों का व्यापार अगले पांच वर्षों में 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम संयुक्त अन्वेषण और संयुक्त वित्त पोषण के माध्यम से दोनों देशों में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार हमारे लोगों के कौशल विकास के लिए हम आधुनिक उत्कृष्ठता संस्थान पर भी सहयोग कर सकते हैं. मोदी ने कहा कि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल की सफल यूएई यात्रा के बाद अमीरात की कई कंपनियों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश करने में रूचि दिखाई है.


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