भारत ने जी-20 सम्मेलन के बीच अचानक एलएसी पर बढ़ाई सैन्य गतिविधियां
दिल्ली: देश की राजधानी में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन के बीच भारतीय सेना ने अचानक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं। भारतीय सैनिकों ने घोड़ों व खच्चरों पर सवार होकर गलवान घाटी के पास सर्वे किया और जमी हुई पैन्गोंग झील पर हाफ मैराथन जैसी गतिविधियां कीं हैं। जी-20 सम्मेलन से अलग चीन और भारत के विदेश मंत्रियों की मुलाकात भी हुई है, जिसमें डॉ. एस. जयशंकर चीन के साथ संबंधों को 'असामान्य' बता चुके हैं।
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी 20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर गुरुवार को चीनी विदेश मंत्री किन गांग से दिल्ली में करीब 45 मिनट तक मुलाकात की। इसके बाद चीनी विदेश मंत्री ने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर स्थिति को नियंत्रण में रखने की बात कही। उन्होंने दोनों पक्षों को महत्वपूर्ण सहमति लागू करने, संवाद बनाए रखने और मतभेदों को सुलझाने की वकालत की। भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि वार्ता के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें द्विपक्षीय संबंधों में सीमा मुद्दे को उचित स्थान पर रखकर सामान्य नियंत्रण के लिए सीमा की स्थिति के शुरुआती बदलाव को बढ़ावा देना चाहिए।
भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की वार्ता के बीच अचानक भारतीय सेना ने गलवान घाटी और पैन्गोंग झील एरिया में अचानक हलचल बढ़ा दी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात भारतीय सेना की टुकड़ियों ने एलएसी के आसपास के इलाकों में घोड़ों और खच्चरों से सर्वेक्षण किया। इसके अलावा जमी हुई पैन्गोंग झील पर हाफ मैराथन जैसी गतिविधियां कीं।
सेना ने आधिकारिक तौर पर तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें भारतीय सैनिक पूर्वी लद्दाख में किसी स्थान पर क्रिकेट खेलते दिख रहे हैं। लेह स्थित सेना की 14 कॉर्प्स ने ट्वीट किया, "पटियाला ब्रिगेड, त्रिशूल डिवीजन ने शून्य से नीचे तापमान में अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में पूरे उत्साह और जोश के साथ क्रिकेट मैच का आयोजन किया, हम असंभव को संभव बनाते हैं।"
हालांकि, सेना ने इस स्थान का खुलासा नहीं किया, लेकिन यह जगह पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 से लगभग 4 किलोमीटर दूर है। गलवान घाटी की यह वही जगह है, जहां 15/16 जून, 2020 को चीनी सेना ने भारत के जवानों पर विश्वासघात कर हमला किया था। इस हमले में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे और चीन ने काफी समय बाद माना कि इस संघर्ष में उसके भी 5 जवान मारे गए थे।
हालांकि, पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच मई, 2020 से गतिरोध चल रहा है, लेकिन गलवान घाटी की घटना के बाद तनाव और बढ़ा, जिसकी वजह से सीमा पर दोनों देशों के हजारों सैनिक तैनात हैं और कई बार विवाद की भी स्थिति पैदा हुई है।
पूर्वी लद्दाख सीमा पर जिस जगह भारतीय सेना के जवानों ने क्रिकेट खेली, वह स्थान भारत और चीन की ओर से आमने-सामने के टकराव से बचने के लिए बनाए गए बफर जोन से अच्छी खासी दूरी पर है। दोनों देशों की सेनाओं ने टकराव से बचने के लिए अपनी-अपनी तैनाती से 1.5 किलोमीटर पीछे हटने का फैसला किया है, इसलिए यह स्थान बफर जोन में तब्दील हो गया है। भारतीय सेना ने इस क्षेत्र में पहला कैंप 700 मीटर पीछे हट कर बनाया है। इसके बाद भारत की सेना का कैंप नंबर-2 और कैंप नंबर-3 है। ये कैंप लगभग समान दूरी पर मौजूद हैं, ताकि चीनी गतिविधियों पर निगाह रखी जा सके।