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चंद्रयान-3 के बाद ISRO फिर छाया, 7 सैटेलाइट लेकर रॉकेट ने भरी उड़ान, देखें तस्वीरें

jantaserishta.com
30 July 2023 2:59 AM GMT
चंद्रयान-3 के बाद ISRO फिर छाया, 7 सैटेलाइट लेकर रॉकेट ने भरी उड़ान, देखें तस्वीरें
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श्रीहरिकोटा: भारत ने रविवार सुबह सिंगापुर के सात उपग्रहों - रडार इमेजिंग उपग्रह डीएस-एसएआर - और छह अन्य उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया। भारतीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) कोर अलोन वैरिएंट की मदद से इस बार उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया।
पीएसएलवी रॉकेट की 58वीं उड़ान
डीएस-एसएआर के साथ ही न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के छह उपग्रहों को भी उनकी कक्षा में भेजा गया है। इसमें 23 किलोग्राम का वेलोक्स-एएम सूक्ष्म उपग्रह, एआरसीएडीई प्रायोगिक उपग्रह, स्कूब-2, 3यू नैनोसैटेलाइट, गैलासिया-2, ओआरबी-12 स्ट्राइडरशामिल हैं। इसरो ने बताया कि उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करने के लिए यह पीएसएलवी रॉकेट की 58वीं उड़ान है। न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड इसरो की वाणिज्यिक शाखा है और उपग्रहों को सिंगापुर में ग्राहकों की सेवा के लिए लॉन्च किया गया है।
कौन-कौन से सैटेलाइट्स जा रहे?
1. VELOX-AM: यह 23 किलोग्राम का टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर माइक्रोसैटेलाइट है.
2. ARCADE: यह भी एक प्रायोगिक सैटेलाइट है. जिसका पूरा नाम है- एटमॉस्फियरिक कपलिंग एंड डायनेमिक एक्सप्लोरर.
3. SCOOB-II: यह एक 3U नैनोसैटेलाइट है, ताकि एक खास तरह के टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन का टेस्ट किया जा सके.
4. NuLIoN: इसे NuSpace ने बनाया है. यानी यह एक अत्याधुनिक 3U नैनोसैटेलाइट है. इसके जरिए बिना किसी बाधा के शहरों और सुदूर इलाकों में इंटरनेनट ऑफ थिंग्स की सुविधा प्रदान की जाएगी.
5. Galassia-2: यह भी एक 3U नैनोसैटेलाइट है, जिसे धरती की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा.
6. ORB-12 STRIDER: यह इंटरनेशनल कोलैबोरेशन के तहत बनी सैटेलाइट है. इसे बनाया है सिंगापुर की एलियेना पीटीई लिमिटेड कंपनी ने.
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