भारत जोड़ो यात्रा: यात्रा में जुड़ने तिरुवनंतपुरम के कन्यापुरम में उमड़ी भीड़
भारत जोड़ो यात्रा के सातवें दिन की शुरुआत (केरल)
यात्रा में जुडऩे तिरुवनंतपुरम के कन्यापुरम में उमड़ी भीड़
पप्पू फरिश्ता
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा के सातवें दिन की शुरुआत आज तिरुवनंतपुरम के कन्यापुरम से की है। इस दौरान लोगों की काफी भीड़ उमड़ी। इस पदयात्रा की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। इस तस्वीर में राहुल अपने नेताओं के अलावा आम लोगों के साथ भी चलते दिख रहे हैं। यात्रियों को सादगीपूर्ण तरीके से रहने के लिए कहा गया है। मालूम हो कि भारत जोड़ो यात्रा शनिवार को केरल पहुंची थी। यह यात्रा 19 दिनों में राज्य के सात जिलों से होते हुई एक अक्टूबर को कर्नाटक पहुंचेगी। बता दें कि राहुल गांधी के साथ तीन तरह के यात्री पदयात्रा कर रहे हैं। करीब 120 भारत यात्री हैं, जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक साढ़े तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। साथ ही जिस राज्य से यात्रा गुजर रही है, उस प्रदेश के 100 प्रदेश यात्री साथ चलेंगे। ऐसे में केरल में प्रवेश करने के साथ तमिलनाडु के 100 प्रदेश यात्रियों की जगह केरल के प्रदेश यात्रियों ने ली है।
150 दिनों तक कंटेनर में सोने वाले हैं राहुल गांधी : राहुल गांधी अगले 150 दिनों तक कंटेनर में सोने वाले हैं। कुछ कंटेनरों में स्लीपिंग बेड, शौचालय और एयर-कंडीशनर भी लगाए गए हैं। यात्रा के दौरान कई क्षेत्रों में तापमान और वातावरण में अंतर होगा। स्थान परिवर्तन के साथ भीषण गर्मी और उमस को देखते हुए व्यवस्था की गई है। लगभग 60 ऐसे कंटेनर तैयार किए गए हैं जहां एक गांव स्थापित किया गया है। रात्रि विश्राम के लिए कंटेनर को गांव के आकार में प्रतिदिन नई जगह पर खड़ा किया जाएगा।
राहुल गांधी के साथ रहने वाले पूर्णकालिक यात्री एक साथ भोजन करेंगे।
सूत्रों ने आगे कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा यात्रा को आम लोगों से जुडऩे का जरिया मानते हैं। इसलिए वह इस पूरी यात्रा को चकाचौंध और ग्लैमर से दूर एक सरल तरीके से पूरा करना चाहते हैं। राहुल गांधी इसे एक यात्रा कहते हैं लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे 2024 की तैयारी मानते हैं।
इस यात्रा के दौरान राहुल 12 राज्यों से गुजरेंगे
इस यात्रा के दौरान राहुल 12 राज्यों से गुजरकर 3,570 किलोमीटर लंबी दूरी तय करने वाले हैं। यह यात्रा पांच महीनों तक चलेगी। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी आर्थिक विषमताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण, राजनीतिक केंद्रीकरण की समस्याओं और विचारधाराओं की लड़ाई के रूप में यह रैली कर रहे हैं।